हजारीबाग : चर्चित गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके दो गुर्गों की हत्या के मामले में शुक्रवार को सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई. अपर सत्र न्यायाधीश-6 अमित शेखर ने सुनवाई के बाद पांच अभियुक्तों विकास तिवारी, संतोष पांडेय, विशाल सिंह, राहुल देव पांडेय और दिलीप साव को दोषी करार दिया. वहीं, आरोपी शंभु तिवारी को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया. सजा के बिंदु पर सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
एपीपी भरत राम ने बताया कि यह मामला सदर थाना कांड संख्या 602-15 से संबद्ध है. मामले में सात लोग आरोपी बनाये गये थे. सातवां आरोपी दीपक साव फरार चल रहा है. इधर, गैंगवार से संबंधित इस मामले की सुनवाई को लेकर जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस पूरी तरह अलर्ट थी. पूरे सिविल कोर्ट परिसर को छावनी में बदल दिया गया था. सभी चार मुख्य द्वारों को बंद कर दिया गया था. परिसर के बाहर आसपास सड़क और चौराहों पर पुलिस की सख्त निगरानी थी. हर आने-जानेवाले की गहन तलाशी ली जा रही थी. सुनवाई के बाद जैसे ही कैदी वाहन अभियुक्तों को लेकर वापस जेल के लिए कोर्ट परिसर से निकला, सुरक्षाकर्मियों ने राहत की सांस ली.
दो जून 2015 को दिन को 11:00 बजे गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके दो गुर्गों को जेपी केंद्रीय कारा से पेशी के लिए हजारीबाग सिविल कोर्ट लाया गया था. यहां पहले से घात लगाये तीन अपराधियों ने एके-47 राइफल के साथ कोर्ट परिसर में प्रवेश किया. इन्होंने सुशील श्रीवास्तव के कोर्ट में पहुंचते ही अंधाधुंध गोलियां चलायीं. गोलीबारी में सुशील श्रीवास्तव, रियाज खान और कमाल बुरी तरह से घायल हो गये थे. उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दी.
तत्कालीन डीआइजी उपेंद्र सिंह ने इस घटना के संबंध में बताया था कि हजारीबाग और रामगढ़ के कोयलांचल में वर्चस्व को लेकर किशोर पांडेय गिरोह और सुशील श्रीवास्तव के बीच गैंगवार की घटना होती रही है. भोला पांडेय की हत्या के बाद सुशील श्रीवास्तव का गिरोह कोयलांचल में सक्रिय हो गया था, जो किशोर पांडेय के लिए एक चुनौती बन गया था. इस वर्चस्व की लड़ाई में किशोर पांडेय गिरोह ने सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड को अंजाम दिया था.
सुनवाई के दौरान छावनी में तब्दील हो गया था पूरा सिविल कोर्ट परिसर, हर तरफ दिखी कड़ी सुरक्षा
चारों मुख्य द्वारों को कर दिया गया था बंद, हर आने-जानेवाले की गहन तलाशी ले रही थी पुलिस
इन्हें ठहराया गया दोषी
विकास तिवारी, संतोष पांडेय, विशाल सिंह, राहुल देव पांडेय और दिलीप साव ( सभी गैंगस्टर किशोर पांडेय गिरोह के सदस्य).
आरोपी शंभु तिवारी को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया, जबकि दीपक साव फरार चल रहा है.
इन धाराओं में ठहराया दोषी
धारा 302, 12-बी, 353, 341-34, आर्म्स एक्ट की धारा-25, 27, विस्फोटक अधिनियम की विभिन्न धाराएं.
Post by : Pritish Sahay