बीजिंग : आतंकवाद से मुकाबले में पाकिस्तान के कमजोर प्रदर्शन का बचाव करते हुए चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसके सहयोगी ने इस दिशा में ‘काफी प्रयास किये हैं और बलिदान दिए हैं.’ वहीं, भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसे अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं करने देना चाहिए.
‘भारत अमेरिका आतंकवाद निरोधी संयुक्त कार्य समूह’ की 17वीं बैठक और ‘इंडिया-यूएस डेजिग्नेशन डायलॉग’ के तीसरे सत्र के बाद जारी एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने आतंकवाद के परोक्ष इस्तेमाल और सीमा-पार आतंकवाद की निंदा की.
दोनों देशों ने पाकिस्तान से मुंबई हमले और पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हुए हमले सहित अन्य आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई की भी मांग की. इस बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आतंकवाद ऐसी चुनौती है जिसका सामना सभी देश कर रहे हैं और पाकिस्तान ने आतंकवाद से मुकाबले में काफी प्रयास किए और बलिदान दिए हैं.
उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसको मान्यता देनी चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए. चीन सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ है.’ अमेरिका में ग्यारह सितंबर को हुए हमले के 19 साल होने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर झाओ ने कहा कि आतंकवादी हमले ने वैश्विक सुरक्षा के लिए कई चुनौतियां पेश कीं.
उन्होंने कहा, ‘चीन सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ है और हमारा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. हम आतंक रोधी कार्रवाई पर दोहरे मानकों और आतंकवाद को किसी खास देश से जोड़ने के प्रयासों का विरोध करते हैं.’
Posted By: Amlesh Nandan.