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Bihar election 2020 : पहली बार संविदा वाले कर्मियों को मिलेगी चुनाव में जिम्मेदारी, बनेंगे पीठासीन अधिकारी

पटना : राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनावों में कांट्रेक्ट के कर्मचारियों को भी चुनावी कार्य में लगाया जायेगा. कांट्रेक्ट पर काम करनेवाले ऐसे कर्मियों को बूथों पर पीठासीन पदाधिकारी, सेक्टर पदाधिकारी और गश्ती संग्रहण दल (पीसीसीपी) के रूप में प्रतिनियुक्त किया जा सकेगा.

पटना : राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनावों में कांट्रेक्ट के कर्मचारियों को भी चुनावी कार्य में लगाया जायेगा. कांट्रेक्ट पर काम करनेवाले ऐसे कर्मियों को बूथों पर पीठासीन पदाधिकारी, सेक्टर पदाधिकारी और गश्ती संग्रहण दल (पीसीसीपी) के रूप में प्रतिनियुक्त किया जा सकेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को ऐसे कर्मियों की प्रतिनियुक्ति का निर्देश दिया है. आयोग ने 20 अगस्त को किसी भी स्थिति में संविदा कर्मियों को दंडाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी व माइक्रो प्रेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्ति नहीं करने का आदेश दिया था.

बूथों की संख्या एक लाख छह हजार कर दी गयी है : राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए 72 हजार बूथों को बढ़ाकर अब एक लाख छह हजार बूथ कर दिया गया है. इसको लेकर बूथों पर मतदान कराने के लिए करीब चार से छह लाख मतदानकर्मियों की आवश्यकता होगी. मतदानकर्मियों की पूर्ति के लिए महिला कर्मियों को मतदान कार्य में लगाये जाने का निर्णय लिया गया है. बिहार विधानसभा आम चुनाव को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने निर्वाचन आयोग को कांट्रेक्ट पर नियोजित कर्मियों को मतदान कार्य में लगाये जाने का प्रस्ताव भेजा था. इसमें कहा गया था कि आयोग द्वारा किसी भी स्थिति में कांट्रेक्ट कर्मियों को दंडाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारी व माइक्रो प्रेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्ति नहीं की जाये.

सीइओ द्वारा आयोग को बताया गया कि राज्य में नियोजित शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद लोकसभा चुनाव 2009 से की जाती रही है. ऐसे पदाधिकारी पीठासीन पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त होते रहे हैं. राज्य में बड़े पैमाने पर सहायक मतदान केंद्रों के निर्माण को देखते हुए सेक्टर पदाधिकारी के रूप में भी कांट्रेक्ट पर नियुक्त कर्मियों की आवश्यकता है. ये लोग मतदान के दिन जोनल दंडाधिकारी के रूप में नामित होते हैं. साथ ही बिहार में इवीएम व वीवीपैट का मतदान केंद्रों पर वितरण और संग्रहण भी गश्ती संग्रहण दल (पीसीसीपी) के माध्यम से की जाती है. गश्ती संग्रहण दल (पीसीसीपी) के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाती है.

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला दंडाधिकारी के अनुरोध पर निर्वाचन कार्य के लिए प्रतिनियुक्त विशेष पदाधिकारियों को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विशेष परिस्थिति में मतदान के दिन दंडाधिकारी की शक्ति भी दी जाती है. कांट्रेक्ट पर नियुक्त बहुत से पदाधिकारी व कर्मीगण नियोजित शिक्षकों से शैक्षणिक योग्यता तथा मानदेय में वरीय होते हैं. इसमें कृषि विभाग के सभी संविदा कर्मी स्नातक होते हैं. ऐसे में इन नियोजित कर्मियों को पीठासीन पदाधिकारी, सेक्टर पदाधिकारी व गश्ती संग्रहण दल (पीसीसीपी) के रूप में प्रतिनियुक्त करने की अनुमति दी जाये.

posted by ashish jha

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