कटिहार : पिछले कुछ दिनों में नरमी के बाद महानंदा नदी के जलस्तर में गुरुवार को फिर अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गयी है. जबकि गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है. महानंदा नदी छह घंटे के दौरान करीब पांच से करीब 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है.
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ में गुरुवार की सवेरे जलस्तर 31.02 मीटर था, जो छह घंटे बाद दोपहर में बढ़कर जलस्तर बढ़कर 31.12 मीटर हो गया. इसी नदी के बहरखाल में 30.65 मीटर था, जो छह घंटे बाद जलस्तर बढ़कर 30.77 मीटर हो गया. आजमनगर में गुरुवार की सवेरे 29.70 मीटर था, दोपहर में बढ़कर 29.82 मीटर हो गया. इसी नदी के धबौल में जलस्तर 29.05 मीटर था, जो छह घंटे बाद जलस्तर 29.15 मीटर हो गया.
हालांकि, गंगा, बरंडी, कोसी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में गुरुवार को कमी दर्ज की गयी है.गंगा नदी के रामायणपुर में गुरुवार की सुबह 26.88 मीटर दर्ज किया गया. दोपहर में यहां का जलस्तर घटकर 26.86 मीटर हो गया है. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 29.73 मीटर दर्ज किया गया था. छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर 29.71 मीटर हो गया है.
इधर, महानंदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. यही स्थिति रही तो 24 घंटे में बाढ़ आने की संभावना बन रही है. जलस्तर बढ़ने से महानंदा लबालब हो गया है. कुछ निचले इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. अचानक जलस्तर बढ़ने से लोगों में भय का माहौल है. सैकडों एकड़ में लगी धान की फसल डूबने का खतरा जताया जा रहा है.
खेतीहर किसान ने बताया की जुलाई में लगातार महानंदा का जलस्तर बढ़ने से धान की खेती चोपट हो गयी थी. किसी तरह दोबारा धान की रोपनी करने के बाद खेत में फसल लहलहा रहा है तो एक बार फिर बाढ़ आने का संभावना लग रहा है.
posted by ashish jha