पटना : प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर चुनाव घोषणा पत्र तैयार करने के लिए राजनीतिक दल सक्रिय हो गये हैं. भाजपा ने जहां अपनी कमेटी घोषित कर दी है. वहीं, राजद में इसके लिए कमेटी बनायी जा रही है. जदयू और कांग्रेस में भी इस तरह की चर्चा है.
पिछली बार 2015 में महागठबंधन और एनडीए ने अलग-अलग संकल्प व घोषणा पत्र जारी किये गये थे. चुनाव के बाद सरकार महागठबंधन की बनी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद ही राजनीतिक समीकरण बदले और सरकार एनडीए की बन गयी. इस उठापटक के बाद भी घोषणा पत्र जदयू की आेर से तैयार संकल्प पत्र के सभी तत्वों को मिला कर सात निश्चय लागू हुआ. ऐसा इसलिए कि दोनों राजनीतिक समीकरणों में सत्ता की कमान नीतीश कुमार के हाथ में ही रही. अब जब इस सरकार के पांच साल पूरे होने को है, सात संकल्प के अधिकतर तत्व जमीन पर उतर चुके हैं.
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के दृष्टि पत्र में मेक इन बिहार, डिजिटल बिहार का नारा दिया गया था. 2016 दिसंबर तक सभी गांवों के हर घर में बिजली, मेरिट में आने वाली लड़कियों को स्कूटी,12वीं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 50 हजार छात्रों को लैपटॉप, प्रखंडों को जिला मुख्यालय से जोड़ने दो लेन की सड़क, हर परिवार के मुखिया का दुर्घटना बीमा, हर स्कूली बच्चे को मिलेगा स्वास्थ्य कार्ड और खर्च उठायेगी सरकार, भूमिहीनों को घर बनाने के लिए जमीन,परिवार के एक व्यक्ति को बनाया जायेगा इ शिक्षित,विदेश में शिक्षा पाने की जानकारी देने के लिए विशेष ब्यूरो का गठन, राजपत्रित अधिकारी से प्रमाण पत्र सत्यापित कराने की अनिवार्यता खत्म कर स्व सत्यापन की मान्यता. गंगा किनारे बसे शहरों में गंगा आरती का प्रबंधन.
राजद ने विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र निर्माण शुरू कर दिया है. इसके लिए गठित कमेटी ने काम शुरू कर दिया है. सू्त्रों के मुताबिक राजद बेरोजगारी, समान काम समान वेतन और नियोजन के मुद्दे पर बड़ी घोषणाएं कर सकता है. हालांकि महागठबंधन दलों का संयुक्त घोषणा पत्र पर भी राय बन सकती है.
इस बार के चुनाव में लोजपा एनडीए के साथ रहेगी, पर उसका अपना घोषणा पत्र होगा. उसके घाेषणा पत्र में बिहार फर्स्ट- बिहारी फर्स्ट मुख्य एजेंडा रहेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय युवा आयोग गठित करने, शिक्षकों के लिए समान कार्य समान वेतन और हर जिले में लड़कियों के लिए काॅलेज का निर्माण प्रमुख हैं.
posted by ashish jha