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JOB 2020 : आइटी सेक्टर में बढ़ रही है रोजगार की संभावनाएं

कोरोना महामारी के बीच लोगों तक नये प्रोडक्ट्स व सर्विसेज को पहुंचाने के लिए तमाम सेक्टरों की कंपनियां टेक्नोलाॅजी सेगमेंट का विस्तार कर रही हैं. इसी के चलते रोजगार सृजन के मामले में आइटी सेक्टर को संभावनाओं से भरे क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है.

कोरोना महामारी के बीच लोगों तक नये प्रोडक्ट्स व सर्विसेज को पहुंचाने के लिए तमाम सेक्टरों की कंपनियां टेक्नोलाॅजी सेगमेंट का विस्तार कर रही हैं. इसी के चलते रोजगार सृजन के मामले में आइटी सेक्टर को संभावनाओं से भरे क्षेत्र के रूप में देखा जा रहा है. कोरोना के कारण कार्यक्षेत्र में हुए परिवर्तनों के बीच यदि आप नये अवसर देनेवाले क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो आइटी में विकसित होनेवाली नौकरियों के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं.

प्रो फेशनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन द्वारा हाल में आयोजित किये गये वेबिनार में आइटी कंपनी टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने इस क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर बताया कि निकट भविष्य में भारतीय आइटी क्षेत्र की रोजगार देने की क्षमता काफी मजबूत होगी. आइटी सेवाएं बहुत आकर्षक होंगी और भारत में नौकरी के माहौल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगी.

इसके अतिरिक्त इकोनॉमिक्स टाइम्स एवं स्पेशलिस्ट स्टाफिंग फर्म एक्सफीनो द्वारा हाल में किये गये एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि वर्तमान में आइटी सेक्टर में युवाओं के लिए एक लाख नौकरियां उपलब्ध हैं. ऐसे में यदि आप आगे बढ़ने का मौका देनेवाले सेक्टर में करियर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, तो आइटी का रुख कर सकते हैं.

लाखों युवाओं के लिए हैं नौकरियां : इकोनॉमिक्स टाइम्स एवं स्पेशलिस्ट स्टाफिंग फर्म एक्सफीनो की ओर से जारी किये गये आकड़ों की मानें, तो वर्तमान में टेक्नोलॉजी सेगमेंट में एक लाख से अधिक नौकरियां हैं. नौकरी की संख्या का अनुमान लिंक्डइन पर कंपनियों के ऑफिशियल जॉब पेज और टॉप जॉब बोर्ड्स पर बहाली को लेकर की गयी पोस्टिंग से लगाया गया है. डेटा के अनुसार जिन टॉप कंपनियों में अभी हायरिंग हो रही हैं, उनमें जेपी मॉर्गन चेज, गोल्डमैन सैक्श, पेपॉल, अमेजन, आइबीएम इंडिया, एजुकॉम्प, एक्सेंचर, सिस्को, टाटा कंसल्टेंसी, एमफेसिस, हनीवेल, गूगल, वेल्स फारगो, यूनिलीवर, डेलॉयट, जीइ हेल्थकेयर, फिलिप्स और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन शामिल हैं.

बारहवीं के बाद बढ़ाएं कदम : आइटी सेक्टर में प्रवेश के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स से बारहवीं पास होना आवश्यक है. साथ ही कंप्यूटर की जानकारी अहम योग्यता है. आइटी इंजीनियर बनने के लिए आपको बीइ या बीटेक करना होगा. यह चार वर्ष का कोर्स है. डिप्लोमा हासिल करके भी आइटी इंजीनियर बना जा सकता है. किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला लेने के लिए अखिल भारतीय और राज्य स्तर पर विभिन्न बोर्ड द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त करना जरूरी होता है.

अगर आप इंजीनियरिंग नहीं करते हैं, तो बीएससी आइटी या बीएससी कंप्यूटर साइंस भी कर सकते हैं. इसके अलावा आइटी प्रोग्रामों में कंप्यूटर साइंस, डेटाबेस एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम, नेटवर्किंग एंड कम्युनिकेशन, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, एंबेडेड सिस्टम, जीआइएस जैसे क्षेत्रों में स्पेशलाइजेशन भी किया जा सकता है.

प्रमुख संस्थान

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी.

  • इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी.

  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी.

  • जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता.

  • एचबीटीआइ, कानपुर.

  • अन्ना यूनिवर्सिटी.

काफी मांग है इन पेशेवरों की : टेक्नोलॉजी के विस्तार से आज विभिन्न क्षेत्रों में आइटी पेशेवरों के लिए अच्छी संभावनाएं विकसित हो रही हैं. वहीं दूरसंचार, एरोस्पेस, ऑटोमोटिव सेक्टर, कंप्यूटर नेटवर्किंग जैसे क्षेत्रों में भी आइटी स्नातकों के लिए आगे बढ़ने के मौके सामने आ रहे हैं. कोविड-19 के कारण आइटी से जुड़े निम्न पेशेवरों की मांग को बढ़ते देखा जा सकता है –

डेटा साइंटिस्ट : डेटा के बढ़ते महत्व के चलते आज विभिन्न क्षेत्रों में कंपनियां डेटा का संग्रहण एवं आकलन करनेवाले प्रोफेशनल्स को करियर के बेहतरीन मौके उपलब्ध करा रही हैं. गणित व कंप्यूटर साइंस की योग्यता के साथ पाइथन, जावा, आर, एसएएस जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की समझ रखनेवाले युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं.

आइओटी विशेषज्ञ : पिछले कुछ वर्षों में बिजनेस के सभी बड़े बदलावों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) की अहम भूमिका रही है. इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के साथ विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां आइओटी को तेजी से अपना रही हैं, इसलिए आइओटी विशेषज्ञों की मांग को बढ़ते देखा जा रहा है. आइओटी विशेषज्ञ के पास डिवाइसेज, क्लाउड सिस्टम, डेवलपमेंट, इंटरप्राइज इंटिग्रेशन, कनेक्टिविटी एंड ऐज जैसी फील्ड की जानकारी होनी चाहिए.

मशीन लर्निंग इंजीनियर : वक्त के साथ बड़ी कंपनियां अपने बिजनेस में ऑटोमेशन के अधिक से अधिक इस्तेमाल पर जोर दे रही हैं. गार्टनर की एक हाल की रिपोर्ट के अनुसार आनेवाले वर्षों में एआइ और मशीन लर्निंग से जुड़ी लाखों नयी नौकरियां तैयार होने की उम्मीद है. ऐसे में मशीन लर्निंग इंजीनियर्स की डिमांड तेजी से बढ़ेगी. इस सेक्टर के प्रोफेशनल्स के लिए एआइ सिस्टम और उसकी प्रक्रिया की अच्छी जानकारी होना जरूरी है.

डेवलपमेंट ऑपरेशन इंजीनियर : डेवलपमेंट ऑपरेशन किसी भी संस्थान के लिए काफी अहम होता है. ऐसे प्रोफेशनल जो स्क्रिप्टिंग, कोडिंग और प्रॉसेस डेवलपमेंट जैसे डेवलपमेंट ऑपरेशन से जुड़े सॉफ्टवेयर की जानकारी रखते हैं, उनके लिए इसमें बेहतर अवसर बनेंगे. हेन डिजिटल सॉल्यूशन द्वारा किये गये सर्वेक्षण के अनुसार आनेवाले दिनों में दस में से सात बड़ी आइटी कंपनियां डेवलपमेंट ऑपरेशन से जुड़े पदों पर नियुक्तियां करेंगी.

क्लाउड कंप्यूटिंग एक्सपर्ट : क्लाउड कंप्यूटिंग ऐसी तकनीक है, जो हमें इंटरनेट पर आभासी संसाधनों को उपलब्ध कराती है. आइटी प्रोफेशनल्स क्लाउड कंप्यूटिंग सर्टिफिकेशन के साथ इस क्षेत्र में सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट, आइटी आर्किटेक्ट, टेक्निकल कंसल्टेंट, क्लाउड सॉफ्टवेयर इंजीनियर आदि के रूप में करियर बना सकते हैं.

Post by : Pritish Sahay

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