भागलपुर : जिले को नये भू-अर्जन पदाधिकारी मिलने तक समानांतर सेतु के भू-अर्जन का काम अटक गया है. कहलगांव एसडीओ स्तर से प्रस्ताव नहीं भेजने से टपुआ व रानी दियारा के विस्थापितों को बसाने की प्रक्रिया फंस गयी है. समानांतर सेतु बिहार-झारखंड के बीच आवागमन को सुलभ बनाने का महत्वपूर्ण माध्यम है, वहीं विस्थापितों को बसाने की योजना से लोगों को नये गांव मिलने की आशा है.
गंगा के कटाव में टपुआ व रानी दियारा के तकरीबन एक हजार विस्थापितों को बसाने के लिए कहलगांव व पीरपैंती में लगभग 53 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. जिला प्रशासन ने कहलगांव एसडीओ को निर्देश दिया था कि विस्थापितों से जाकर बात कर लें कि उनके सहमति पत्र पर उन्हीं लोगों का हस्ताक्षर है. अपर समाहर्ता राजेश झा ने बताया कि एसडीओ से अंतिम प्रस्ताव मिलने के बाद प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जायेगा.
विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोर लेन पुल व पहुंच पथ निर्माण के लिए सभी रैयतों को जिला भू-अर्जन शाखा ने नोटिस भेजा है. जिला प्रशासन की योजना है कि एक ही दिन शिविर लगा सभी रैयतों को मुआवजा राशि दे जमीन का अर्जन कर लिया जायेगा. इस कार्य में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. पूर्व प्रभारी भू-अर्जन पदाधिकारी ब्रजेश कुमार के तबादले के बाद विभाग ने जिले में नये अफसर की नियुक्ति ही नहीं की है. अपर समाहर्ता राजेश झा राजा ने बताया कि जिला भू-अर्जन पदाधिकारी मिलते ही रैयतों को मुआवजा दे भू-अर्जन कर लिया जायेगा.
posted by ashish jha