अजय दयाल, रांची : करीब 10 डिसमिल जमीन की मालकिन होने के बावजूद आदिवासी विधवा महिला मंगरी पहनाइन (60 वर्ष) बड़गाईं के लेम बस्ती में झोपड़ी में रहती है. वह अपने मंदबुद्धि पुत्र के पालन-पोषण के लिए घरों में चौका-बर्तन करती है. आरोप है कि पलामू निवासी शिव कुमार सोनी ने कई साल पहले धोखे से किसी दलाल के जरिये मंगरी की जमीन खरीद ली और उस पर घर बना लिया.
बाद में उसने घर सहित उस जमीन को दूसरे व्यक्ति को धोखा में रखकर बेच दिया और फरार हो गया. जिस जमीन की बात हो रही है, वह रांची के फायरिंग रेंज पहाड़ (वर्तमान में लालू खटाल रोड, दिवाकर नगर के समीप) के बगल में है. इसकी मौजूदा कीमत 55 लाख रुपये (प्रति डिसमिल 5.50 लाख रुपये) आंकी गयी है.
इधर, मंगरी ने एसएआर कोर्ट में वर्ष 2008 में केस कर दिया था. वर्ष 2010 में उसकी डिग्री हो गयी थी और उस समय ही कोर्ट ने दखल दिहानी का आदेश दिया था. 10 साल बीतने के बाद भी अपनी जमीन पाने के लिए मंगरी कोर्ट, थाना और जिला प्रशासन के अधिकारियों के चक्कर ही लगा रही है.
मंदबुद्धि पुत्र को कमरे बंद कर जाती है काम पर : जिन घरों में मंगरी चौका-बर्तन करती है, वहां उसने अपना दुख बताया, तो वे लोग उसकी मदद को आगे आये. मंगरी ने बताया कि वह कई बार कोर्ट जाती है, उसे कहा जाता है कि जमीन वापस करने का आदेश तो हो गया है, अब यहां से कुछ नहीं होगा.
उसने बताया कि जब काम करने निकलती है, तो वह अपने पुत्र को घर में बंद कर देती है. मायूस होकर कहती है : जिस पुत्र मेरा सहारा होना चाहिए, उसका सहारा बूढ़ी मां बनी हुई है. सोचा था जमीन बेच कर पुत्र का इलाज कराऊंगी, लेकिन अब तक कहीं मेरी गुहार नहीं सुनी गयी.
Post by : Pritish Sahay