पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार से कांग्रेस पार्टी का बिहार क्रांति महासम्मेलन वर्चुअल आगाज हो रहा है, पर पार्टी बिना चुनावी चेहरे के यह काम करने जा रही है. पार्टी के जो चेहरे परोसे जा रहे हैं वह वोट बटोरने में कितना सफल होंगे यह समय बतायेगा. फिलहाल बिहार विधानसभा के चुनाव का चक्का अतिपिछड़ा और अनुसूचित जाति के इर्द- गिर्द घूम रहा है. कांग्रेस की स्थिति यह है कि उसके पास इस वर्ग का कोई नेता नहीं है. सवर्ण व अल्पसंख्यक मतदाता तो पहले ही पार्टी से छिटक चुके हैं. बिना जातीय चेहरों के कांग्रेस चुनाव में उतर रही है. वर्चुअल रैली में जो लोग नेतृत्वकर्ता के रूप में दिखाये गये हैं उनमें कुछ को छोड़ दें तो शेष की स्थिति साइबेरियन पक्षी से कम नहीं है. मौसम हुआ तो बिहार में दिखे. सीजन समाप्त होते ही ये नेता इस धरती से ओझल हो जाते हैं.
दिलचस्प है कि सोमवार से कांग्रेस का बिहार क्रांति महासम्मेलन वर्चुअल की शुरुआत हो रही है. पार्टी ने राहुल गांधी की तस्वीर का सामने रखते हुए उद्देश्य यह बताया है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी की गयी है. इसके नेतृत्व की कमान प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रभारी सचिव अजय कपूर, वीरेंद्र सिंह राठौर, प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा, विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह और प्रदेश अभियान समिति के चेयरमैन डाॅ अखिलेश प्रसाद सिंह सौंपा गया है. इसमें ऐसा कोई चेहरा नहीं है जो अपने जमात को भी कांग्रेस के हाथ के नीचे खड़ा कर सके.
अतिपिछड़ों के इर्द -गिर्द गोल चक्कर के समान घूमनेवाली राजनीति में इसमें से कोई भी इस वर्ग से नहीं आता. हाल के दिनों में जो राज्यसभा व विधान परिषद की सीटें बांटी गयीं वह भी अतिपिछड़े व अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं के विपरीत रहीं. ऐसे में पहले चरण में उत्तर बिहार के 19 जिलों में होनेवाली पहले चरण की 84 वर्चुअल रैलियों पर नेतृत्व करनेवाले नेताओं का जादू चलने की उम्मीद पार्टी को है. सोमवार को जिन विधानसभा क्षेत्रों को ये नेता संबोधित कर पार्टी के लिए वोट बटोरने की अपील करेंगे उनमें पश्चिम चंपारण जिले की वाल्मीकिनगर , रामनगर (सुरक्षित), नरकटियागंज , बगहा , नौतन , चनपटिया , बेतिया व सिकटा विधानसभा क्षेत्र और दोपहर बाद पूर्वी चंपारण जिले के गोविंदगंज , कल्याणपुर , पिपरी , मधुबन व चिरैया विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya