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लापरवाही की हद! अस्पताल में कोराना संक्रमितों के बदले शव, मामला दर्ज

राजधानी के आेरमांझी इरबा स्थित एस्क्लेपियस अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी है. अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की लाश ही बदल गयी.

रांची-जमशेदपुर : राजधानी के आेरमांझी इरबा स्थित एस्क्लेपियस अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आयी है. अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की लाश ही बदल गयी. इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब जमशेदपुर के साकची कब्रिस्तान में परिवार के सदस्याें ने अंतिम बार चेहरा दिखाने की जिद कर दी. शव का चेहरा देखा गया, ताे शव परिवार के पुरुष का नहीं, बल्कि किसी महिला का था. देर शाम रांची से आजाद नगर के मृतक का शव परिजनों के पास भेजा गया, तब जाकर अंतिम संस्कार किया गया. वहीं महिला का शव वापस रांची भेज दिया गया.

जानकारी के अनुसार, एस्क्लेपियस अस्पताल इरबा में शुक्रवार को दो संक्रमितों की मौत हुई थी. एक संक्रमित कोकर तपोवन गली की रहनेवाली मरीज मिल्यानी मिंज (65) थी. हार्टअटैक होने पर परिजन ने उन्हें एस्क्लेपियस अस्पताल में 26 अगस्त को भर्ती कराया था. वहीं जमशेदपुर के सामिद अंसारी (60) को एक सितंबर को परिजनों ने भर्ती किया था. उनको निमोनिया व सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.

अस्पताल में भर्ती होने के बाद हुई जांच में दोनों कोरोना संक्रमित पाये गये. इलाज के क्रम में दोनों मरीजों की मौत शुक्रवार की रात हो गयी थी. कोरोना संक्रमित होने के कारण शव को बांध कर सुरक्षित रखा गया था. परिजनों ने रांची जिला प्रशासन से बात कर पार्थिव शरीर काे जमशेदपुर भिजवाने का आग्राह किया. इसके बाद रांची से एंबुलेंस में शव लेकर चालक साकची कब्रिस्तान पहुंचाया गया.

इधर, जब मृतक मिल्यानी मिंज के परिजन एस्क्लेपियस अस्पताल शव लेने पहुंचे, तो पता चला कि शव बदल गया है. इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया. परिजनों का कहना था कि वह सूद में रुपये लेकर इलाज कराने आये थे. तीन लाख खर्च हुआ और मरीज की जान चली गयी. मरीज के मरने के बाद शव भी बदल दिया गया है.

सदर एसडीओ के आदेश पर प्राथमिकी

सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा के आदेश पर एस्क्लेपियस अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजनों को गलत शव सौंपने के मामले की जानकारी होने पर एसडीओ लोकेश मिश्रा अस्पताल पहुंचे. मामले की जांच करवायी, तो अस्पताल की लापरवाही सामने आयी. इसके बाद एसडीओ ने परिजनों को शव वापस अस्पताल में पहुंचाने व अपने परिजन की बॉडी ले जाने की अनुमति दी.

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एस्क्लेपियस अस्पताल प्रबंधन द्वारा दूसरे का शव परिजनों को सौंप दिया गया. अंतिम संस्कार के समय ही इसकी जानकारी हुई. यह मामला गंभीर है. इसके बाद अस्पताल के खिलाफ जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराने को निर्देश दिया गया है.

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री

अस्पताल प्रबंधन का पक्ष

चार सितंबर की रात दो कोरोना संक्रमिताें की मौत हो गयी थी. जमशेदपुर के मरीज सामिद अंसारी के परिजन रात में ही अस्पताल में तोड़फोड़ कर आनन-फानन में कपड़े में बंद मिल्यानी मिंज के शव को ले गये. अस्पताल में मर्चरी नहीं रहने के कारण आइसीयू वार्ड में दोनों शवों को कपड़े में बंद कर रखा गया था. अस्पताल प्रबंधन की इसमें कोई गलती नहीं है.

डॉ आसिफ अहमद अंसारी, निदेशक, एस्क्लेपियस अस्पताल

Post by : Pritish Sahay

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