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Bihar Flood 2020: बिहार आई केंद्र की टीम ने बाढ़ की स्थिति को माना गंभीर, राज्य सरकार मांगेगी 3328 करोड़ की मदद

पटना: बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने आयी छह सदस्यीय केंद्रीय अंतरमंत्रालयी टीम ने माना है कि बिहार में जो बाढ़ आयी है, यह सीवियर फ्लड सिचुएशन है. गोपालगंज, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिलों का दौरा कर लौटी केंद्रीय टीम ने शुक्रवार को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक में राहत और बचाव कार्यों की सराहना की. राज्य सरकार बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्र से 3328.60 करोड़ रुपये की सहायता मांगेगी. इसके लिए मेमोरेंडम तैयार किया गया है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद इसे केंद्र सरकार को सौंपा जायेगा.

पटना: बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने आयी छह सदस्यीय केंद्रीय अंतरमंत्रालयी टीम ने माना है कि बिहार में जो बाढ़ आयी है, यह सीवियर फ्लड सिचुएशन है. गोपालगंज, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिलों का दौरा कर लौटी केंद्रीय टीम ने शुक्रवार को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक में राहत और बचाव कार्यों की सराहना की. राज्य सरकार बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्र से 3328.60 करोड़ रुपये की सहायता मांगेगी. इसके लिए मेमोरेंडम तैयार किया गया है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति के बाद इसे केंद्र सरकार को सौंपा जायेगा.

तैयार मेमोरेंडम में नुकसान की चर्चा

तैयार मेमोरेंडम में आपदा प्रबंधन विभाग के 1,342.90 करोड़, कृषि विभाग के 999.60 करोड़, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के 2.96 करोड़, पथ निर्माण विभाग के 70.01 करोड़, ग्रामीण कार्य विभाग के 412.90 करोड़, जल संसाधन विभाग के 483.92 करोड़ और ऊर्जा विभाग के 16.31 करोड़ के नुकसान की चर्चा है.

केंद्रीय टीम आइ बिहार

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि राज्य सरकार ने आरंभिक आकलन के आधार पर जो आंकड़ा दिया था, उसके आलोक में केंद्रीय टीम यहां आयी थी. छह सदस्यीय टीम द्वारा दो-दो सदस्यों की तीन टीमें बनाकर गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और दरभंगा में ऑन स्पॉट फील्ड विजिट किया. साथ ही लोगों से बात कर नुकसान के बारे में जायजा भी लिया. केंद्रीय दल को जो कुछ भी संदेह था, अधिकारियों की बैठक में उस पर विस्तार से चर्चा हुई. केंद्रीय दल ने कुछ अतिरिक्त आंकड़े भी मांगे. राज्य सरकार के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अब भी बहुत जगहों पर पानी है, इसलिए सड़क और घरों की क्षति के संबंध में पानी उतरने के बाद ही वास्तविक आकलन कर आंकड़ा उपलब्ध कराना संभव होगा.

टीम में यह थे शामिल

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पीयूष गोयल के नेतृत्व में आयी छह सदस्यीय टीम में सौरभ कुमार दुबे (निदेशक, ग्रामीण विकास मंत्रालय), दीपेंद्र कुमार (निदेशक, वित्त मंत्रालय ), बीरेंद्र सिंह ( निदेशक, कृषि विभाग), संजीव कुमार सुमन ( निदेशक, जल शक्ति मंत्रालय), प्रदीप कुमार लाल ( सुपरिटेंडेट इंजीनियर, भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) शामिल थे.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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