Coronavirus: भारत समेत दुनिया के तमाम देश कोरना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे हैं. दुनिया भर में 2.5 करोड़ से ज्यादा लोग इस वारस के संक्रमण का शिकार हो चुके है. इस माहामारी से बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की हिदायत दी जा रही है. वहीं कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग रिसर्च भी किये जा रहे हैं. दुनिया के तामाम देशों में ये भी देखने को मिल रहा है कोरोना से एक बार ठीक होने के बाद लोग दोबारा संक्रमण के शिकार हो रहे है. इसको लेकर हुई एक नई स्टडी ने लोगों को एक राहत की खबर सामने आयी है.
बता दें कि कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है. दुनिया के तमाम देश हॉन्ग कॉन्ग, इटली और अमेरिका में ठीक होने के बाद कोरोना के दोबारा संक्रमण होने के मामले सामने आये है. दोबारा संक्रमण के शिकार होने पर लोगों के मन में इम्यूनिटी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. इस पर न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक नयी स्टडी में कई बातें सामने आयी है.
ये स्टडी आइलैंड के लोगों पर की गया है. इस सस्टडी ने रीइंफेक्शन और इम्यूनिटी को लेकर लोगों की आशंकाओं को दूर किया है. स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 30,576 लोगों से सीरम के सैंपल लिए और छह अलग-अलग तरह की एंटीबॉडी टेस्टिंग की. शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना से ठीक हो चुके 1,797 लोगों में से 91.1 परसेंट लोगों में अच्छे स्तर की एंटीबॉडी थी. स्टडी में दावा किया गया कि एंटीबॉडी के इस लेबल में चार महीनों तक कोई कमी नहीं देखी गई.
बता दें कि इस स्टडी में बुजुर्गों में अच्छी इम्यूनिटी देखी गई. गौरतलब है कि कोरोना वायरस सबसे ज्यादा और गंभीर तरीके से अदिक उम्र के लोग यानि बुजुर्गों को ही प्रभावित करता है. ऐसे में बुजुर्गों में अधिक इम्यून रिस्पॉन्स का पाया जाना निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है. कारगर वैक्सीन के लिए भी ज्यादा इम्यून रिस्पॉन्स होना अच्छी खबर है.