पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में जारी सैन्य तनाव के बीच चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही (Wei Fenghe ) ने भारत (India) के साथ बैठक की इच्छा जताई है. जानकारी के अनुसार भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच ऐसा समझा जाता है कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक का आग्रह किया है. मामले पर जानकारी रखने वालों ने यह खबर दी है.
आपको बता दें कि श्री सिंह और वेई दोनों एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए फिलहाल रूस की राजधानी मॉस्को में हैं. बताया जा रहा है कि चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन को दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक की अपनी इच्छा से अवगत कराया है. हालांकि इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
चीन की आक्रामक गतिविधियों से निबटने में सक्षम : सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारत के सैन्य बल चीन की आक्रामक गतिविधियों से बेहतर व उचित तरीकों से निबटने में सक्षम हैं. अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम में एक संवाद सत्र में जनरल रावत ने कहा कि क्षेत्रीय मामलों से निबटने की भारत की नीति को भरोसेमंद सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय प्रभाव का समर्थन नहीं देने का मतलब ‘क्षेत्र में चीन के दबदबे को स्वीकार कर लेना’ निकाला जायेगा. चीन की वायु सेना की अक्साई चिन क्षेत्र में बढ़ती गतिविधि को देखते हुए भारतीय सेना भी ऑपरेशनल मोड में है. पाक को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अगर चीन के साथ भारत के सीमा विवाद का फायदा उठाते हुए हमारे देश के खिलाफ कोई दुस्साहस करने की कोशिश करता है, तो वह भारी नुकसान उठायेगा.
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चीन की हर हरकत पर आसमान से जमीन तक नजर : इधर, भारतीय सेना अब चीन की हर हरकत पर आसमान से जमीन तक नजर रखेगी. इसके लिए सेना ने तीन रणनीतिक चोटियों पर तैनाती बढ़ा दी है और लद्दाख में एलएसी पर सीमा को सुरक्षित करने के लिए अपनी पोजिशन में भी बदलाव किया है. भारतीय सेना ने दौलत बेग ओल्डी, गलवान घाटी और पैंगोंग झील व चुशूल सेक्टर में करीब 40 हजार जवान व अधिकारी तैनात किये हैं. चीन की हर चुनौती का जवाब देने के लिए सेना को बेहतर उपकरणों और निगरानी तंत्र से लैस किया जा रहा है.