ग्रामीणों ने बताया कि उनके समक्ष आजीविका सबसे बड़ी समस्या है. ग्रामीणों ने पीवीटीजी ग्रामोत्थान योजना के तहत बकरी, मुर्गी व सुकर पालन कर आजीविका चलाने की इच्छा जतायी. इसके साथ ही सरकार से गांव में तालाब और मिनी आंगनबाड़ी केंद्र की व्यवस्था करने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो परिवारों का पक्का आवास नहीं है. बिरसा आवास योजना के तहत पक्का आवास लेने का प्रस्ताव तैयार किया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अधिकतर लोग पेड़ की छाल व सीमेंट की बोरी से रस्सी बना कर बेचने का कार्य करते हैं. पीवीटीजी ग्रामोत्थान योजना के तहत रस्सी बनाने के कार्य के लिये भी सरकारी सहयोग की मांग की गयी. बैठक में ग्रामीणों ने हैंडीक्राफ्ट के जरिए ये आजीविका की व्यवस्था करने की भी मांग की. इस संबंध में अरुवां (कुचाई) के पंचायत सचिव सह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अशोक महतो ने बताया कि जोड़ासरजम गांव की समस्याओं पर ग्रामीणों के साथ बैठक कर गांव के विकास के लिये उनसे राय ली गयी. इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर बीडीओ को सौंप दिया गया है.
Also Read: Good News : आदिम जनजाति बहुल गांवों की बदलेगी सूरत, बनेंगे आदर्श गांव
प्रखंड मुख्यालय से आईटीडीए परियोजना निदेशक के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा. उन्होंने बताया कि पीवीटीजी ग्रामोत्थान योजना के तहत गांव का विकास किया जायेगा. मालूम हो कि प्रभात खबर ने दो सितंबर के अंक में जोड़ासरजम गांव की समस्याओं से संबंधित रिपोर्ट प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी.
Posted By : Guru Swarup Mishra