रांची : भारतीय रिजर्व बैंक के झारखंड के जनरल मैनेजर (प्रभारी अधिकारी) संजीव दयाल ने कहा है कि वित्तीय समावेशन प्रधानमंत्री जन-धन योजना का मुख्य उद्देश्य है. बैंकिंग व्यवस्था को लगातार आम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करते रहना होगा. झारखंड में 1.48 करोड़ जन-धन खाता खुले हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय जन-धन योजना और बैंकिंग सेवा के डिजिटाइजेशन ने महामारी के दौर में सरकारी मदद आम लोगों तक आसानी से पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभायी. वह पीआइबी रांची की ओर से आयोजित वेबीनार ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 6 वर्ष’ में बोल रहे थे.
नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर (झारखंड) आशीष कुमार पाढ़ी ने भारत में बैंकिंग सेवा की शुरुआत और आज तक की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. श्री पाढ़ी ने बताया कि वर्ष 2014 से नयी सरकार ने वित्तीय समावेश पर बहुत अधिक बल दिया और जन-धन योजना की शुरुआत हुई. इसमें बैंक, आधार और मोबाइल की मदद से लाखों अकाउंट रिकॉर्ड समय में खोले गये.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना निश्चित रूप से गेमचेंजर साबित हुई. अब तक इसमें 1.3 लाख करोड़ रुपये जमा किये जा चुके हैं. 86 फीसदी खाता अब भी एक्टिव हैं, जिसमें नियमित रूप से लेन-देन हो रहा है. नाबार्ड देश की बैंकिंग व्यवस्था को कई प्रकार से मदद करता है. मसलन, तकनीकी सहायता देना, कनेक्टिविटी में मदद करना तथा बैंकिंग के बारे में बैंक से जुड़े लोगों और आम लोगों को शिक्षित करना.
बैंक ऑफ इंडिया एसएलबीसी झारखंड के जनरल मैनेजर रवींद्र कुमार दास, जो वेबीनार के विशिष्ट वक्ता थे, ने कहा कि देश की समस्त जनता को बैंकिंग सेवा से जोड़ना अहम उद्देश्य रहा है. साथ ही इस योजना का यह भी फोकस रहा है कि बैंकिंग सेवा को जनता केंद्रित बनाया जाये. घर-घर तक बैंकिंग सेवा को पहुंचाया जाये.
उन्होंने बताया कि झारखंड में 3,000 से अधिक बैंक की शाखाएं और लगभग 4,000 एटीएम बैंकिंग सेवा का लाभ आम लोगों को मिल रहा है. इस योजना के तहत ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी लोगों को मिल रही है. पेंशन की रकम लाभुकों को आसानी से मिल रही है. देश में जब ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पूरी तरह से काम करने लगेगा, तो बैंकिंग सेवाएं लोगों के लिए और सुगम और सहज हो जायेगी.
वेबीनार के अध्यक्ष तथा पीआइबी रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि 28 अगस्त को प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 6 वर्ष पूरे होने पर इस महत्वपूर्ण वेबीनार का आयोजन किया गया है. यह योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रही, जिसने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के समय जन-धन खाता की वजह से लोगों को सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ मिला.
पत्र सूचना कार्यालय व रीजनल आउटरीच ब्यूरो रांची तथा फील्ड आउटरीच ब्यूरो गुमला के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वेबीनार में पीआइबी, आरओबी, एफओबी, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा दूसरे राज्यों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया. समन्वय व संचालन महविश रहमान ने किया. धन्यवाद ज्ञापन तथा समन्वय ओंकार नाथ पांडेय एवं शाहिद रहमान ने किया.
Posted By : Mithilesh Jha
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