नयी दिल्ली : भारतीय सीमा में घुसपैठ की तीन नाकाम कोशिश करने के बाद चीन बौखला गया है. भारतीय सेना से मिले मुंहतोड़ जवाब के बाद कभी तो चीन का विदेश मंत्रालय शांति की बात कर रहा है, तो कभी वहां का अखबार ग्लोबल टाइम्स भारत को धमकाने की कोशिश कर रहा है. इसी कोशिश के तहत ग्लोबल टाइम्स ने आज अपना संपादकीय भारत को केंद्रित करके लिखा है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि डोकलाम विवाद 2017 और गलवान वैली झड़प से लेकर हालिया घटनाओं की चर्चा करें तो भारत का एप्रोच चीन के साथ बहुत ही आक्रामक हो गया है. भारत-चीन सीमा विवाद के निपटारे को लेकर भारत बहुत ही हार्डलाइनर रवैया दिखा रहा है. सीमा विवाद के निपटारे को लेकर दशकों से जो व्यवस्था थी वह अब टूट गयी है. लगातार सीमा पर तनाव से दोनों देशों पर बुरा असर पड़ेगा.इतना ही नहीं बौखलाया चीन और उसकी मीडिया यहां तक कह रही है कि सीमा विवाद को निपटाने के लिए भारत सीधे चीन से बात नहीं कर रहा है, वह तो तीसरे यानी अमेरिका को इसमें शामिल कर रहा है और उसके जरिये चीन पर दबाव बनाना चाहता है.
ग्लोबल टाइम्स ने इतना ही नहीं किया है उसने अपने इस संपादकीय में भारत को नीचा दिखाने के लिए भारतीयों की धार्मिक भावना पर आघात किया है. चीन ने जिस तरह की तसवीर पोस्ट की है वह यह दर्शाती है कि चीन अपने घमंड में है और उसे किसी की धार्मिक भावना की भी चिंता नहीं है. ग्लोबल टाइम्स का यह संपादकीय चीनी सरकार की असलियत को बयां करता है.
सीमा पर मिली मात के बाद बौखलाया चीनी मीडिया लिखता है कि भारत की इस तरह की कार्रवाई से चीन का उसपर से विश्वास उठ जायेगा. सीमा पर लगातार हो रही झड़प से दोनों देशों के संबंध बिगड़ेंगे. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि गलवान वैली में हुई झड़प के बाद भारत ने चीन के साथ असहयोगात्मक रुख अपनाया है. इस तरह के राष्ट्रवाद से भारत का ही बुरा होगा.
भारत के जीडीपी में आयी 23.9 प्रतिशत की गिरावट की चर्चा भी ग्लोबल टाइम्स दुष्प्रचार की तरह कर रहा है . वह इसके जरिये भारत को निशाने पर ले रहा है. वह यह कहना चाह रहा है कि कोरोना वायरस के कारण भारत की यह दशा हुई है. उसका कहना है कि भारत अपनी कोरोना वायरस का केंद्र बना हुआ है बावजूद इसके वहां की सरकार चीन के साथ संबंध खराब कर रही है और सीमा-विवाद को तूल दे रही है.
भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता से चीन घबराया हुआ है, इसलिए ग्लोबल टाइम्स लिखता है भारत अपने रक्षा बजट में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है. यह विश्व में तीसरे नंबर पर खर्च किया जाने वाला रक्षा बजट है जो भारत के जीडीपी का 2.4 प्रतिशत है. अखबार यही पर नहीं रूक रहा है वह लिखता है कि चीन भारत का ऐसा पड़ोसी है जिसे वह बदल नहीं सकता. चीन भारत से बहुत मजबूत देश है और ऐसा प्रतीत होता है कि भारत यह भूल गया है. इसलिए अगर वह लगातार चीन को भड़काने वाली हरकत कर रहा है. चीन और दोनों ही अपनी जमीन नहीं खोना चाहेंगे लेकिन लगातार सीमा पर तनाव बढ़ाने का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ सकता है.
दरअसल गलवान वैली की झड़प और अभी पैंगोंग झील के पास घुसपैठ की कोशिश में विफल होने के बाद चीन परेशान है. भारत ने चीनी एप पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाये हैं, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. भारत अभी चीन को और चोट देने की तैयारी में है, जिसके कारण बौखलाया चीन, सीमा पर अपने रंग दिखा रहा है.
Posted By : Rajneesh Anand