पटना: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को आखिरी सांस ली. उनका बिहार से गहरा नाता रहा है. एक कांग्रेसी नेता के तौर पर, केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में और राष्ट्रपति के रूप में उन्हें बिहार से बड़ा प्यार, आदर और सम्मान मिला. कांग्रेसी नेता के रूप में उनके रिश्ते पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र से रहे तो बाद के दिनों में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से भी उनका नाता रहा. राष्ट्रपति के चुनाव में उन्हें बिहार से भारी वोट मिले. जबकि, खुद उनके दल कांग्रेस के महज यहां चार विधायक हुआ करते थे.
सदन में राजद के 22 और लोजपा के तीन विधायक थे. सदन की सबसे बड़ी पार्टी जदयू थी, जिसके 115 विधायक थे. जब चुनाव की घोषणा हुई तो जदयू ने प्रणब मुखर्जी के पक्ष में वोट करने का अपना फैसला सुनाया. विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हमलोग उस समय एनडीए में रहते हुए यूपीए के उम्मीदवार प्रणब बाबू के पक्ष में वोट किये थे.
इस बात की चर्चा करते हुए प्रणब बाबू के बिहार में करीबी रहे विधान पार्षद रामचंद्र भारती कहते हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि आप प्रणब बाबू को कह दीजिये, बिहार आने की जरूरत नहीं हैं. मेरे दल के सारे वोट उन्हें मिलेंगे और मैं इससे भी अधिक वोट उन्हें दिलाऊंगा. चुनाव परिणाम आया तो प्रणब बाबू भारी मतों से राष्ट्रपति निर्वाचित हुए. इसके बाद वे कई अवसर पर बिहार आये.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya