14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत की यूरिया से लहलहा रही नेपाल की खेती

सीतामढ़ी. यूरिया की कालाबाजारी कर उसे नेपाल भेजने का खेल लंबे समय से चल रहा है. सीतामढ़ी के सोनबरसा, सुरसंड, बैरगनिया व भिट्ठा मोड़ बॉर्डर से सटे नेपाल के इलाको में भारतीय क्षेत्र यानी सीतामढ़ी से खाद की सप्लाई होती है. एक तरह नेपाली एरिया के किसानों की खेती भारतीय खाद पर ही निर्भर है.

सीतामढ़ी. यूरिया की कालाबाजारी कर उसे नेपाल भेजने का खेल लंबे समय से चल रहा है. सीतामढ़ी के सोनबरसा, सुरसंड, बैरगनिया व भिट्ठा मोड़ बॉर्डर से सटे नेपाल के इलाको में भारतीय क्षेत्र यानी सीतामढ़ी से खाद की सप्लाई होती है.

एक तरह नेपाली एरिया के किसानों की खेती भारतीय खाद पर ही निर्भर है. नेपाल में यूरिया का इस्तेमाल खेती के अलावा देसी शराब बनाने में भी किया जा रहा है. बताया जाता है कि तस्करों द्वारा नेपाल में खाद भेजने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रखा जाता है.

अगर प्रशासन के कोई कैरियर पकड़ा जाता है, तो उसे जेल से छुड़ाने से लेकर पूरा खर्च तस्कर ही करते हैं. जेल से निकलने के बाद वह पुनः इस धंधे से जुड़ जाता है. इस प्रकार भारत के किसानों के लिए आनेवाला यूरिया नेपाल के किसानों को मिल रहा है.

70 फीसदी सब्सिडी का चक्कर : सरकार यूरिया के 45 किलो के बैग पर 709 रुपये 88 पैसा सब्सिडी देती है. सब्सिडी मिलने के कारण यूरिया का सरकारी दर 266 रुपये 50 पैसा है. वहीं इस यूरिया की कीमत नेपाल के बाजार में 600-900 रुपये बैग तक है.

सूत्रों की मानें तो यूरिया को सीमावर्ती क्षेत्रों के सहारे नेपाल के बाजार में भेजकर इस व्यवसाय से जुड़े लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं, जिससे भारतीय राजस्व को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें