पटना : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में मखाना उत्पादक किसानों की आमदनी बढ़ाने ओर रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिये मखाना विकास योजना पर 454.90 लाख रुपये खर्च करेगी. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य योजना मद से इसकी स्वीकृति दी है. मखाना बीज उत्पादन कार्यक्रम में बिहार कृषि विवि सबौर, भागलपुर एवं मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा को शामिल किया गया है.
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में मखाना की खेती के लिए औसतन 160 मजदूरों की आवश्यकता होती है. इस प्रकार इस योजना से करीब 2,27,200 मानव दिवस का सृजन किया जा सकेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि रोड मैप के तहत दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, कटिहार, पूर्णियां, सुपौल, अररिया, किशनगंज आदि जिलों में मखाना विशेष फसल के रूप में चिह्नित है.
प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार के लगभग 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विश्व का 90 प्रतिशत मखाना पैदा होता है. 250 करोड़ रुपये का मखाना व्यवसाय किसानों के साथ होता है तथा 550 करोड़ रुपये का मखाना व्यवसाय व्यापारियों द्वारा किया जाता है. 1.50 मेट्रिक टन प्रति हेक्टेयर मखाना तालाबों में किया जाता है. 2.20 मेट्रिक टन प्रति हेक्टेयर का उत्पादन अन्य स्थानों पर होता है. कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबला करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों को ब्रांडिंग करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे बिहार के उत्पाद मखाना का ब्रांडिंग करने में मदद मिलेगी.
Upload By Samir Kumar