पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना जिला के हथीदह पहुंचकर गंगा उद्वह योजना के पहले चरण का स्थल निरीक्षण किया. साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने गया, बोधगया, राजगीर और नवादा के लिए पेयजल के लिए शुरू की गयी गंगा उद्वह योजना के पहले चरण के निर्माण स्थल जाकर जानकारी ली. वे गंगा किनारे बन रहे इंटेक पंप हाउस के निर्माण की ताजा स्थिति के संबंध में भी अवगत हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी पर राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाये जा रहे सिक्स लेन पुल के निर्माण कार्य की प्रगति की भी जानकारी ली, जिसे 2022 में पूरा किया जाना है.
स्थल निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने गंगा उद्वह योजनान्तर्गत राजगीर से गया तक पाइपलाइन के रूट और जलाशय स्थल का हवाई सर्वेक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के निरीक्षण के क्रम में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने गंगा वाटर लिफ्ट प्रोजेक्ट फेज-1 के स्किमैटिक डायग्राम के माध्यम से मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने पाइप लाइन रूट की जानकारी लेने के क्रम में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और वरिष्ठ इंजीनियरों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिये.
निरीक्षण के दौरान जल मंत्री संजय कुमार झा, सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री नीरज कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, सचिव जल संसाधन संजीव हंस, आयुक्त पटना प्रमंडल संजय कुमार अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक पटना रेंज संजय सिंह, जिलाधिकारी पटना कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक पटना उपेन्द्र शर्मा सहित जल संसाधन विभाग के वरीय पदाधिकारी और इंजीनियर उपस्थित थे.
गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग के तहत गंगा वाटर लिफ्ट प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. योजना के पहले चरण का काम जून 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इससे करीब नौ लाख लोगों को फायदा होगा. इसके साथ ही यह योजना 2051 में पूर्ण हो जाने के बाद करीब 13 लाख लोगों को फायदा मिल सकेगा. गंगा वाटर लिफ्ट प्रोजेक्ट में बाढ़ के दौरान गंगा में आए अतिरिक्त पानी को मोकामा के मराची के पास से पाइपलाइन के माध्यम से सरमेरा, बरबीघा होते हुए गिरियक ले जाया जाएगा. वहां से राजगीर के घोड़ाकटोरा झील में पानी को गिराया जाएगा. फिर वहां से पानी को गया जिले के फल्गू नदी तक ले जाया जायेगा.
इसके लिए सड़क के किनारे 190 किमी लंबी पाइपलाइन बिछायी जाएगी. गंगा नदी की सतह नीची है और राजगीर पहाड़ी इलाका है, इसलिए पानी खुद बहाव के साथ नहीं पहुंचेगा, इसके लिए मोटर पंप लगाए जाएंगे. इस परियोजना के पहले चरण का खर्च करीब 2836 करोड़ रुपये आने की संभावना है.
Upload By Samir Kumar