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छह सालों तक नहीं बढ़ी बिजली की कीमत, सीएम ने दी दिल्लीवासियों को बधाई

दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) द्वारा 28 अगस्त को कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर शहर में बिजली दरों में 2020-21 तक कोई बढ़ोतरी नहीं करने के बारे में घोषणा की गई थी.

दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) द्वारा 28 अगस्त को कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर शहर में बिजली दरों में 2020-21 तक कोई बढ़ोतरी नहीं करने के बारे में घोषणा की गई थी.

घोषणा के तुरंत बाद ट्वीट करते हुए, मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के नागरिकों को बधाई दी. उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोगों को बधाई. एक तरफ जहां देश भर में बिजली की दरें साल-दर-साल बढ़ रही हैं, वहीं दिल्ली ने बिजली की दर छह साल तक बढ़ने नहीं दी है और कुछ क्षेत्रों में दर में कमी भी की है.

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कोरोनोवायरस महामारी के कारण, डीईआरसी ने कहा कि बिजली वितरण फर्मों के राजस्व में वृद्धि के कारण मार्च के लिए टैरिफ में कोई बदलाव नहीं होगा, जैसे बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), बीएसएनएल यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) , टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल), और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी).

केजरीवाल का आंदोलन भी बिजली की बढ़ी कीमतों को कम करने के लिए रहा है. 2013 में, अरविंद केजरीवाल उच्च बिजली दरों के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (बिजली – पानी सत्याग्रह) पर चले गए थे. उन्होंने देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने का वादा किया था. बहुत बड़ी जीत के साथ सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने टैरिफ को 50% घटा दिया.

अन्य राज्यों में प्रति-यूनिट बिजली की दर जैसे कि 100 यूनिट तक 3.5 रुपये, और गुजरात में 101-200 यूनिट पर 4.15 रुपये, पंजाब में 100 यूनिट पर 4.49 रुपये और 101- 202 यूनिट पर 6.34 रुपये, गोवा में 100 यूनिट पर 1.5 रुपये और 101-200 यूनिट पर 2.25 यूनिट.

दिल्ली में प्रति यूनिट बिजली की दर 200 यूनिट की खपत पर 0 रुपये है, और 201-400 यूनिट के बीच खपत के लिए 50% सब्सिडी प्रदान की जाती है.मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कहा था कि कोरोनावायरस लॉकडाउन के मद्देनजर, दिल्ली सरकार का राजस्व पिछले वर्षों के अप्रैल महीने में ₹3,500 करोड़ से घटकर 2020 में ₹300 करोड़ हो गया है.

राज्य में राजस्व के गिरते स्तर के बावजूद बिजली की दरें नहीं बढ़ाने के फैसले का दिल्ली के लोगों ने स्वागत किया है. सरकार के इस फैसले से 62 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. सितंबर 2019 में, दिल्ली में लगभग 14 लाख उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिला था. लगभग 26 लाख परिवारों को नवंबर-दिसंबर 2019 के महीने में भी शून्य बिजली बिल मिले हैं.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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