National Sports Day 2020, Rashtriya khel diwas : गुमला (जगरनाथ) : गुमला जिला हॉकी की नर्सरी है. यहां से कई खिलाड़ी निकले, जिन्होंने राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नाम कमाया. आज से 15 साल पहले हॉकी खेल में गुमला जिले की तूती बोलती थी, लेकिन ग्राउंड के अभाव में अब खेल प्रतिभा कुंठित हो रही है. गुमला में हॉकी खेलने लायक ग्राउंड तक नहीं है. इस कारण खिलाड़ी खेल का अभ्यास बेहतर तरीके से नहीं कर पा रहे हैं. यहां हॉलैंड से मंगाये गये एस्ट्रोटर्फ पर लाखों रुपये खर्च हुए थे, लेकिन हॉकी खेलने लायक ग्राउंड नहीं है.
वर्ष 2005 में हॉकी खेल को बढ़ावा देने के लिए कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार द्वारा संत इग्नासियुस हाईस्कूल की कुछ जमीन को अपने अधीन लेकर उसमें एस्ट्रोटर्फ (हॉकी ग्राउंड) का निर्माण किया गया. यहां हॉकी खेल के लिए सभी सुविधाएं देनी थीं, लेकिन सिर्फ ग्राउंड बनाकर छोड़ दिया गया. हॉलैंड से एस्टोटर्फ मंगाकर ग्राउंड में बिछाया गया, लेकिन पानी छिड़कने की व्यवस्था नहीं रहने के कारण एस्ट्रोटर्फ उखड़ गया है. गैलरी बनी है, लेकिन बैठने लायक नहीं है. चेजिंग रूम है. परंतु जर्जर हो गया है. यहां खिलाड़ी नहीं जाते हैं.
बिजली की व्यवस्था नहीं है. एस्ट्रोटर्फ की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि मैदान में जहां-तहां जलजमाव हो गया है. कई जगहों पर एस्ट्रोटर्फ घिसकर खराब हो गया है और टर्फ को सतह (जमीन) से सही से नहीं चिपकाये जाने के कारण जहां-तहां से उखड़ गया है. अगर खिलाड़ियों को ड्रेस चेंज करने के लिए चेंज रूम जाना है तो एस्ट्रोटर्फ मैदान के बीच से होकर जाना पड़ेगा, क्योंकि चेंज रूम तक जाने के लिए और कोई रास्ता नहीं है. दर्शक-दीर्घा में काई जमने लगी है, जो बैठने लायक नहीं है.
गुमला के संत इग्नासियुस उच्च विद्यालय में बने हॉकी ग्राउंड एस्ट्रोटर्फ में कई खामियां हैं. इन खामियों के संबंध में वर्ष 2010 में विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार के निदेशक को पत्राचार किया था. जिसमें प्रधानाचार्य ने उल्लेख किया था कि जहां तक एस्ट्रोटर्फ बिछाने का प्रश्न है, यह सही तरीका से नहीं बिछाया गया है. सतह (जमीन) से सही से चिपकाया नहीं गया है. जिससे मैदान अनइवेन नजर आता है और जगह-जगह टर्फ उभरा हुआ प्रतीत होता है. एस्ट्रोटर्फ और दर्शक-दीर्घा के बीच बाड़ा (फेंस) नहीं लगाया गया है. दर्शकों एवं आम जनता को सीध टर्फ मैदान में प्रवेश से रोकने एवं खतरनाक बॉल से दर्शकों की रक्षा के लिए बाड़ा लगाना अति आवश्यक है.
पानी सप्लाई के लिए पाइप बिछाया गया है. परंतु एस्ट्रोटर्फ में पानी के छिड़काव के लिए स्प्रिंकर नहीं लगाया गया है. बिजली आपूर्ति की व्यवस्था लंबित है. जल संग्रह के लिए वाटर टैंक बनाया गया है, परंतु वह त्रुटिपूर्ण है. टैंक में पानी भरने पर भी पानी नहीं ठहरता है और टैंक तुरंत सूख जाता है. साथ ही टैंक के इर्द-गिर्द समतलीकरण भी नहीं हुआ है. बरसात के पानी को रोकने के लिए गार्डवाल नहीं बनाया गया है. गार्डवाल के अभाव में बरसाती पानी के साथ मिट्टी व बालू भी मैदान में प्रवेश करता है. जिससे टर्फ खराब हो रहा है. प्रवेश द्वार में जो गेट लगा है. वह बिल्कुल अनुपयुक्त है. एस्ट्रोटर्फ मैदान से चेंज रूम तक जाने के लिए भी पहुंच पथ नहीं है और दर्शक-दीर्घा के नीचे की भूमि का समतलीकरण भी नहीं हुआ है.
Posted By : Guru Swarup Mishra