National Sports Day 2020, Rashtriya khel diwas : गुमला (दुर्जय पासवान) : आदिवासी बहुल गुमला जिला आज खेल नगरी के नाम से विश्व विख्यात है. हॉकी से गुमला जिले को पहचान मिली है. इसी पहचान से गुमला को खेल नगरी का नाम दिया गया है. गुमला में कई ऐसे खिलाड़ी पैदा हुए हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनायी और गुमला को विश्व विख्यात किया.
गुमला को खेल नगरी बनाने में फादर पीपी वनफल का योगदान महत्वपूर्ण है. उन्होंने ही सबसे पहले गुमला में हॉकी सेंटर की स्थापना की थी, जिनकी बदौलत अरविंद पन्ना, महावीर राम लोहरा, कार्तिक उरांव, विमल लकड़ा जैसे खिलाड़ी अपनी पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बना सके. गुमला के संत इग्नासियुस हाईस्कूल में संचालित हॉकी सेंटर के खिलाड़ियों ने कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और जीत दिलायी.
हॉकी की कई प्रतियोगिताओं में गुमला विजेता रहा है. कुछ मैच में उपविजेता रहा है. 1989 में दिल्ली, 1991 में आगरा, 1992 में आगरा, 1993 में दिल्ली, 1995 में बिहार, चंडीगढ़, पटना में हुई प्रतियोगिताओं में गुमला विजया रहा है. 1996 में जालंधर, 1998 में दिल्ली, 1999 में गुमला, 1999 में गुमला, 2000 में दिल्ली, 2001 में दिल्ली, 2002 में दिल्ली, 2003 में दिल्ली, 2004 में दिल्ली, 2004 में दिल्ली व 2006 में दिल्ली में हुई मेजर ध्यानचंद प्रतियोगिता में गुमला की टीम विजयी रही है.
Also Read: National Sports Day 2020 : झारखंड के तीरंदाजी कोच धर्मेंद्र तिवारी को द्रोणाचार्य अवार्ड व तीरंदाज अतनु दास को अर्जुन अवार्डचैनपुर प्रखंड के छोटे से गांव बेंदोरा बम्हनी की सोनल मिंज भारतीय हॉकी टीम की हिस्सा रह चुकी है. वह सीनियर व जूनियर टीम से भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है. नेशनल सीनियर महिला हॉकी इंडिया कैंप में भी सोनल भाग ली थी. उनकी खेल प्रतिभा के आधार पर ही सोनल की रेलवे में नौकरी लगी है. आज भी वह टीम का हिस्सा है. सोनल मिंज अपनी खेल प्रतिभा के आधार पर हॉकी खेल में गुमला का नाम रोशन की है. सोनल इंडिया के साथ-साथ झारखंड हॉकी टीम की अहम हिस्सा है. गांव की बेटी सोनल मिंज की इस ऊंची उड़ान से गुमला के लोग खुश हैं. साथ ही उसके छोटे से गांव बम्हनी के लोग भी खुश हैं.
Also Read: Coronavirus In Jharkhand LIVE Update : झारखंड में कुल कोरोना पॉजिटिव 35813, 24138 संक्रमित हुए स्वस्थ, 389 की मौतसोनल मिंज की प्रारंभिक शिक्षा नुकरूडीपा स्कूल से हुई है. नुकरूडीपा में सोनल ने नर्सरी से लेकर वर्ग छह तक पढ़ाई की. हॉकी खेल में रूचि होने के कारण उसका चयन उर्सुलाइन कॉन्वेंट बालिका हाईस्कूल, गुमला में संचालित हॉकी सेंटर के लिए हुआ. इसके बाद सोनल ने गुमला के यूसी स्कूल में वर्ग छह से नौ तक पढ़ाई की. साथ ही यूसी हॉकी सेंटर में रहकर हॉकी का गुर सीखी. खेल प्रतिभा के आधार पर उसका चयन गुमला से रांची में हुआ. इसके बाद सरकारी हाईस्कूल, बरियातू से सोनल ने मैट्रिक की परीक्षा पास की और रांची के हॉकी सेंटर में रहते हुए उसने कई राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया. सोनल बताती है कि उसे खेल के आधार पर ही रेलवे में नौकरी लगी. अभी वह हटिया रेलवे स्टेशन में नौकरी कर रही है. इसके साथ ही रेलवे की टीम से वह लगातार राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिता में भाग लेती है. सोनल गोलकीपर है.
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