मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के करीब 20 हजार छात्रों को नीट की तैयारी के साथ परीक्षा केंद्र पर पहुंचने की चिंता सता रही है. बिहार में नीट के लिए सिर्फ दो ही केंद्र- पटना और गया बनाये गये हैं. इन दोनों शहरों के 192 सेंटर पर नीट का आयोजन 13 सितंबर को होने वाला है. छात्रों और अभिभावकों की परेशानी यह है कि कोरोना महामारी के समय हम इतनी दूर कैसे जायेंगे और पहुंच भी गये तो कहां ठहरेंगे. मुजफ्फरपुर से करीब पांच हजार छात्र नीट में शामिल होंगे. नीट की परीक्षा पहले मई में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी चरम पर होने और लॉकडाउन के कारण परीक्षा उस समय टाल दी गयी. नीट में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स कोचिंग बंद होने से शिक्षकों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. इस तरह उनकी परेशानी दोहरी हो गयी है.
बेतिया के जिन स्टूडेंट्स का सेंटर पटना है, उन्हें करीब दो सौ किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय करनी होगी. हालांकि बसें चल रही हैं, लेकिन कोरोना महामारी के खौफ की वजह से बसों से यात्रा करने में अभिभावक डर रहे हैं. बसें भी पर्याप्त संख्या में नहीं चल रही हैं. यदि निजी गाड़ी से किसी को जाना हो, तो कम से आठ से दस हजार रुपये लगेंगे.
दरभंगा के अधिकतर प्रखंड बाढ़ से घिरे हैं. वहां कई गांवों में नीट के अभ्यर्थी फंसे हैं. उन्हें पटना या गया जाने में परेशानी होगी. अभिभावकों का कहना है कि उन्हें एक दिन पहले ही निकलना होगा. यदि पहुंच भी गये तो ठहरने में दिक्कत होगी. सभी होटल खुले हुए नहीं हैं. खाने-पीने की भी समस्या होगी.
बसें चल रहीं पर कोरोना का डर तो है ही. छात्रों का कहना है कि बिहार में बसें चलनी शुरू तो हो गयी हैं, लेकिन उनमें बैठने पर कोरोना का डर तो है ही. बस में कोविड से बचाव के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों की परेशानी ज्यादा है. उनका कहना है कि गांव से पहले उन्हें जिला मुख्यालय पहुंचना होगा, उसके बाद पटना या गया की बस मिलेगी. यह उनके लिए बड़ी चुनौती है. गांव में अभी इतनी गाड़ियां नहीं मिल रही हैं. ट्रेनों का परिचालन भी पूरी तरह नहीं है.
नीट दो बजे से, जेइइ सुबह साढ़े नौ बजे से. नीट की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक होगी. वहीं जेइइ की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 तक होगी. सोशल डिस्टैंसिंग के कारण छात्रों को परीक्षा केंद्र पर दो घंटे पहले पहुंचना होगा. यानी नीट की परीक्षा में छात्र को दोपहर 12 बजे और जेइइ की परीक्षा में सुबह साढ़े सात बजे केंद्र पर हाजिरी देनी होगी.
छात्रों ने कहा कि जब जेइइ के लिए राज्य आठ शहरों में केंद्र बनाये जा सकते हैं, तो नीट के लिए दो ही सेंटर क्यों बनाये गये हैं. इसके लिए भी हर प्रमंडल में केंद्र बनाने चाहिए. जेइइ एक से छह सितंबर तक होगी. मुजफ्फपुर में जेइइ परीक्षा के कोऑर्डिनेटर विभव विक्रांत ने बताया कि मुजफ्फरपुर में छह केंद्र हैं. यहां पर मोतिहारी, बेतिया, सीतामढ़ी व शिवहर के छात्र परीक्षा देने आयेंगे. मुजफ्फरपुर के केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या करीब सात हजार है.
नीट की परीक्षा देनेवाले छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि अगर एक दिन पहले पटना या गया पहुंच भी गये, तो हम कहां ठहरेंगे. रिश्तेदारों के यहां जाने में अभी दिक्कत है और सभी होटल अभी खुले नहीं हैं. जो खुले हैं, उनके एक कमरे की कीमत काफी ज्यादा है. ऐसे में जो मध्य वर्गीय या ग्रामीण क्षेत्र के छात्र हैं, उनके लिए काफी परेशानी होगी. इस समय लॉज या धर्मशाला भी नहीं खुल रहे हैं कि वहां जाकर एक रात रुक जाएं.
कोरोना महामारी को देखते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई और नीट को लेकर गाइड लाइन जारी किया है. परीक्षार्थियों और केंद्रों के लिए अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. इनमें मास्क पहनना और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन महत्वपूर्ण है. परीक्षा के दौरान कमरे में शिक्षक परीक्षार्थियों के नजदीक आने की बजाये दूर से ही नजर रखेंगे. परीक्षार्थियों को मास्क और दस्ताना पहन कर केंद्र पर आना होगा. उनकी थर्मल स्कैनिंग भी होगी.
posted by ashish jha