Yeh Rishta Kya Kehlata Hai Spoiler Alert: एपिसोड की शुरुआत मनीष की तलाश से होती है. सुरेखा कहती है कि छोरी भी नहीं मिल रही है. कीर्ति का कहना है कि वे दोनों लापता हैं. कार्तिक कहता है कि मुझे उसका ध्यान रखना चाहिए था यह मेरी गलती है. नक्ष का कहना है कि हम नहीं जानते कि वे कहां हैं. नायरा कहती है कि मुझे दोनों ही चिंता है वे ठीक हों. वहां मौजूद एक शख्स बताता है कि मैंने कुछ समय पहले एक पागल आदमी को देखा है. कार्तिक कहता है वह पागल नहीं हैं. नायरा कहती है कि काश वह मनीष हों.
इसके बाद सड़क पर मनीष और छोरी को भीख मांगता देख पूरा गोयनका परिवार चौंक जाता है. कार्तिक चिल्लाते हुए इस बंद करने को कहते हैं. उन्हें कोट पहनाता है. छोरी कहती है मैंने कुछ नहीं किया, मुझे नहीं पता कि मनीष यहाँ कब आ गये, न जाने कब वह मेरे पीछे आ गये, मैं भीख नहीं माँग रहा थी, मैं कड़ी मेहनत करती हूं. नायरा उसे डांटती है.
नायरा कहती है जब आपको पता था कि पिताजी आपके पीछे आ रहे हैं, तो आप वापस क्यों नहीं आए, आपको ये कपड़े बच्चों के कमरे से मिले. छोरी कहती है मुझे पता था कि आप मेरे बारे में इंस्पेक्टर को बताएंगे, इसलिए मैं कृष्ण बन गया, वरना आप मुझे सुधा के साथ आश्रम भेज देते. कार्तिक रोता है और गुस्सा हो जाता है. नायरा पूछती है कि तुमसे किसने कहा. छोरी कहती है मैंने सुना था, मैं आश्रम नहीं जाना चाहती. कार्तिक मनीष को अपने साथ आने के लिए कहता है.
कार्तिक साफ कहता है कि यह लड़की छोरी अब हमारे घर पर कदम नहीं रखेंगी. नायरा कहती है कि हमें उसे साथ ले जाना चहिए, हम उसे सड़कों पर नहीं छोड़ सकते. वह पूछता है कि आपसे मिलने से पहले वह कहां रहती थी. वह कहती है कि वह हमारी जिम्मेदारी है. लेकिन कार्तिक छोरी को मना कर देता है कि वह परिवार से दूर रहे. छोरी कहती है मैं तुम्हारे घर नहीं आऊंगी.
नक्ष कहता है कि मैं उसे घर ले जाऊंगा।. छोरी कहती है मैं यहाँ ठीक हूँ, मैं सड़कों पर रहूँगी. नायरा कहती है कि जब तक आश्रम के लोग आते हैं, वह मेरी जिम्मेदारी है. छोरी का कहना है कि वह आश्रम नहीं जाना चाहती. नायरा उसे डांटती है और कहती है कि आश्रम का जीवन सड़कों पर रहने से बेहतर है. वह रोती है.
कीर्ति पूछती है कि आप कैसे लापरवाह हो सकते हैं. नायरा कहती हैं कि दुर्घटना मेरी लापरवाही की वजह से नहीं हुआ, पिताजी जब सभी यहां थे, तब कोई बाहर नहीं गया था, किसी को भी इसके बारे में नहीं पता था, क्या किसी ने जानबूझकर ऐसा किया, नहीं, ठीक है, हर कोई मुझे ही गलत क्यों सोचता है. सुवर्णा कहती है कि नहीं, कोई गलत नहीं सोच रहा है. सुरेखा कहती है कि नहीं, हम जिसे सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, हम उस पर गुस्सा करते हैं. नायरा का कहना है कि मुझे कार्तिक के व्यवहार के बारे में कोई शिकायत नहीं है लेकिन कीर्ति तो मुझे समझ सकती है. नायरा कहती है कि मैं भी दुर्घटना के दौरान वहां थी, आप मेरी मदद करने के बजाय मुझे दोषी ठहरा रहे हैं. सुवर्णा कहती है शांत हो जाओ, कोई तुम्हें दोष नहीं दे रहा है. दादी कहती है कि हमें माफ कर दो.
इधर छोरी को नक्ष का घर पसंद आता है वह कहती है कि नक्ष को मुझे यहां रखना चाहिए, अपने सपनों के घर की तरह, नक्ष कार्तिक की तरह गुस्सैल नहीं है. डॉक्टर कहते हैं कि मनीष की मानसिक स्थिति ऐसी है, हम यह नहीं देख सकते कि वह क्या करेगा, यह खतरनाक हो सकता है, हमें जल्द ही उसकी सर्जरी करनी होगी. कार्तिक कहते हैं कि नहीं, मैं इसकी अनुमति नहीं दे सकता, मैं जोखिम नहीं उठा सकता, उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी, मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा, अगर उनके जीवन में कुछ भी होता है, तो मैं उनके साथ रहूंगा. कार्तिक कहते हैं कि नहीं, हम नहीं चाहते कि सर्जरी की जाए.
Posted By: Budhmani Minj