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सुशांत मामले में बिहार की बेटी नुपूर भी हैं सीबीआई टीम का हिस्सा, जानें और कौन हैं विशेष टीम में शामिल

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के मामले में सीबीआई लगातार छानबीन कर रही है. इस मामले की जांच करने वाली टीम में कई ऐसे सदस्य हैं जो अनुभवी है. पहले भी उन्होंने कई मामले सुलझाये हैं और इस टीम में शामिल कुछ लोगों का रिश्ता बिहार से भी है. बिहार के गया जिले के टिकारी की रहने वाली नुपूर प्रसाद की भी खूब चर्चा है. इस केस में बिहार की बेटी के शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर नुपूर की खूब चर्चा हो रही है. बिहार के उनके गांव में भी लोगों को गर्व है कि इस मामले की जांच में नुपूर शामिल है.

नयी दिल्ली : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के मामले में सीबीआई लगातार छानबीन कर रही है. इस मामले की जांच करने वाली टीम में कई ऐसे सदस्य हैं जो अनुभवी है. पहले भी उन्होंने कई मामले सुलझाये हैं और इस टीम में शामिल कुछ लोगों का रिश्ता बिहार से भी है. बिहार के गया जिले के टिकारी की रहने वाली नुपूर प्रसाद की भी खूब चर्चा है. इस केस में बिहार की बेटी के शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर नुपूर की खूब चर्चा हो रही है. बिहार के उनके गांव में भी लोगों को गर्व है कि इस मामले की जांच में नुपूर शामिल है.

खबर है कि अभिनेत्री रिया चुक्रवर्ती से कई अहम सवाल नुपूर ने ही पूछे. रिया से पूछताछ का जिम्मा उन्हें ही सौंपा गया था. रिया चक्रवर्ती से पूछताछ में उनसे ड्रग लिंक को लेकर सवाल किया. उनसे यह भी पूछा गया कि क्‍या उन्‍होंने सुशांत की मर्जी से उन्‍हें CBD ऑयल दिया था? उनसे यह भी पूछा गया कि 8 जून की रात को क्‍या हुआ था. रिपोर्ट्स के अनुसार, रिया 8 जून को सुशांत सिंह राजपूत को छोड़कर चली गई थी. सीबीआई अलग- अलग ऐंगल से इस मामले की जांच कर रही है. इस मामले की छानबीन के लिए सीबीआइ की एक चार सदस्यीय स्पेशल टीम (एसआइटी) बना दी गयी है. इसका नेतृत्व गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी मनोज शशिधर कर रहे हैं.

कौन – कौन है इस टीम में शामिल

चार सदस्यों वाली एसआइटी में गगनदीप गंभीर और नुपूर प्रसाद को भी रखा गया है. इन दोनों महिलाओं को टीम में इसलिए भी जगह मिली है कि इस मामले से जुड़ी उन सभी महिलाओं से आसानी से पूछताछ की जा सके. अनिल यादव जांच अधिकारी रहेंगे.

मनोज शशिधर, ज्वाइंट डायरेक्टर, सीबीआइ : गुजरात कैडर के 1994 बैच के आइपीएस मनोज शशिधर हाई-रिस्क और टेंशन के माहौल में काम करने के आदि हैं. खास बात यह है कि अब तक किसी भी जांच में वे नाकाम नहीं रहे हैं. उन्हें सीबीआइ में नो-नॉनसेंस अधिकारी के तौर पर जाना जाता है. पांच साल के लिए सीबीआइ में डेपुटेशन पर आये मनोज शशिधर जनवरी में सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर बनाये गये हैं. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनके नाम पर मंजूरी दी थी. मनोज विजय माल्या केस की जांच की निगरानी कर चुके हैं.

गगनदीप गंभीर डीआइजी, यूपी : एसआइटी में बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली गगनदीप सिंह गंभीर भी शामिल हैं. 2004 बैच की गुजरात कैडर की आइपीएस गगनदीप इसके पहले भी कई गंभीर मामलों की जांच कर चुकी हैं. सीबीआइ में उन्हें घोटालों की जांच में महारथी माना जाता है. राजनीतिक दबाव की वह परवाह नहीं करतीं. तभी तो यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की अवैध खनन मामले में भूमिका की जांच की जिम्मेदारी गगनदीप को ही सौंपी गयी थी. सृजन घोटाले और पत्रकार उपेंद्र राय मामले की जांच भी उन्होंने की.

नुपुर प्रसाद, एसपी सीबीआइ : सीबीआइ में बतौर एसपी कायर्रत नुपुर प्रसाद 2007 बैच की एजीएमयूटी कैडर की आइपीएस अधिकारी हैं. बिहार के गया जिले के टिकारी की रहने वाली नुपूर को सीबीआइ की एक तेजतर्रार महिला अधिकारी के रूप में गिना जाता है. 2007 में उन्होंने दिल्ली पुलिस में डीसीपी शाहदरा के तौर पर करियर शुरू किया. हाल ही में उन्हें प्रमोशन देते हुए एसपी बनाकर सीबीआइ भेजा गया है. नुपुर इंदूभूषण प्रसाद की इकलौती बेटी हैं. सुशांत केस का जिम्मा मिलने के बाद नुपुर के गांव में खुशी का माहौल है.

अनिल कुमार यादव डीएसपी : मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की मौत की जांच कर चुके डीएसपी अनिल कुमार यादव मध्य प्रदेश से हैं. हत्या की जटिल जांच में वे कई बार अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं. बेहतर परफॉर्मेंस के निए उन्हें 2015 में पुलिस मेडल से नवाजा जा चुका है. व्यापमं से पहले वे कॉमनवेल्थ घोटाले और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में भी जांच टीम का हिस्सा रहे हैं. सुशांत ने सुसाइड किया या उसका मर्डर हुआ है, यह बताने में यादव की भूमिका अहम रहेगी

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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