पटना: आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपल आइटी सहित जीएफटीआइ की 36000 सीटों पर एडमिशन के लिए जेइइ मेन-2 एक से छह सितंबर तक होगा. वहीं, मेडिकल कॉलेजों के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए नीट 13 सितंबर को होगा. कोरोना संक्रमण के बीच होने वाले इन परीक्षाओं को लेकर परीक्षार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के बीच चिंता है. होटल और संक्रमण के साथ ही उनके पास परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए परिवहन संसाधन भी समस्या का विषय बना हुआ है.
कोविड-19 को देखते हुए ट्रेन का परिचालन बंद है. हालांकि, बिहार सरकार ने बसों के परिचालन पर से रोक हटा दी है. लेकिन बिहार के कई जिलों में बस का परिचालन पटना के लिए नहीं होता है. यह 38 जिलों पर लागू नहीं होता है. कई जिलों के लोगों के परिचालन का साधन ट्रेन है. नीट के लिए बिहार में केवल पटना और गया मिलाकर 192 सेंटर बनाये गये हैं. अब भागलपुर, जमुई, लखीसराय, बेगूसराय के साथ तमाम जिलों के परीक्षार्थी पटना या गया नीट देने के लिए कैसे पहुंचेंगे. यह उनके लिए बड़ी समस्या पैदा कर रहा है.
बिहार में छह सितंबर तक लॉकडाउन है. जेइइ मेन और नीट के लिए बिहार के परीक्षा केंद्रों में अपना भविष्य गढ़ने के सपने के साथ बड़ी संख्या में परीक्षार्थी पहुंचेंगे. कोरोना काल में यह परीक्षाएं इन बच्चों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बिहार में गाड़ियां चल रही हैं, लेकिन ट्रेन वाले रूट में बसों का परिचालन नहीं होता है. परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में इन परीक्षार्थियों को काफी परेशानी होगी. ऐसे में प्रभात खबर पाठकों से अपील करता है कि अगर आपके शहर में इन परीक्षाओं के केंद्र हैं, तो आप इन परीक्षार्थियों की यथा संभव मदद करें.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya