12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

JEE NEET 2020: परीक्षा कराने पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने, जानें क्या है IIT निदेशकों की राय

नयी दिल्ली : JEE मेंस और NEET की परीक्षाओं के लिए केंद्र सरकार ने तारीखों का एलान कर दिया है. इसके बाद से ही देशभर में विरोध देखने को मिल रहे हैं. गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार परीक्षा रद्द करने की मांग की है. जबकि सरकार ने कहा है कि सभी स्टूडेंट्स चाहते हैं कि परीक्षा हो. वहीं, कई आईआईटी संस्थानों के निदेशकों ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट एवं जेईई परीक्षा में और देरी से ‘शून्य शैक्षणिक सत्र' का खतरा है.

नयी दिल्ली : JEE मेंस और NEET की परीक्षाओं के लिए केंद्र सरकार ने तारीखों का एलान कर दिया है. इसके बाद से ही देशभर में विरोध देखने को मिल रहे हैं. गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार परीक्षा रद्द करने की मांग की है. जबकि सरकार ने कहा है कि सभी स्टूडेंट्स चाहते हैं कि परीक्षा हो. वहीं, कई आईआईटी संस्थानों के निदेशकों ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट एवं जेईई परीक्षा में और देरी से ‘शून्य शैक्षणिक सत्र’ का खतरा है.

उन्होंने कहा कि परीक्षा के स्थान पर अपनाए जाने वाले किसी भी त्वरित विकल्प से शिक्षा की गुणवत्ता कम होगी एवं इसका नकारात्मक असर होगा. कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से दोनों परीक्षाओं को स्थगित करने की तेज होती मांग के बीच आईआईटी के निदेशकों ने विद्यार्थियों से परीक्षा कराने वाली संस्था पर भरोसा रखने की अपील की.

आईआईटी रूड़की के निदेशक अजित के चतुर्वेदी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘इस महमारी की वजह से पहले ही कई विद्यार्थियों और संस्थानों की अकादमिक योजना प्रभावित हुई है और हम जल्द वायरस को जाते हुए नहीं देख रहे हैं. हमें इस अकादमिक सत्र को ‘शून्य’ नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इसका असर कई प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ेगा.’

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को व्यवस्था के प्रति आस्था रखने की जरूरत है. चतुर्वेदी ने कहा, ‘इन परीक्षाओं को कराने का फैसला सभी मौजूदा परिस्थितियों पर विचार करने के बाद किया गया. सरकार विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित कर रही है. परीक्षा में देरी का नकारात्मक असर होगा और इसलिए हम सभी को एकजुट होकर इसकी अहमियत समझनी चाहिए और व्यवस्था द्वारा बाधा रहित परीक्षा कराने का समर्थन करना चाहिए.’

Also Read: JEE-NEET एग्जाम के लिए हायतौबा क्यों? कोरोना संकट के बीच चीन ने 1 करोड़ स्टूडेंट्स के लिए करवाई थी परीक्षा, ये थे इंतजाम

आईआईटी खडगपुर के निदेशक वीरेंद्र तिवारी के मुताबिक, ‘उत्कृष्टता पाने में परीक्षा की वैश्विक प्रतिष्ठा है और इसे दुनिया की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इन परीक्षाओं के लिए त्वरित विकल्प निश्चित रूप से प्रतिस्पर्धा के स्तर पर संतुष्ट करने वाला नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि विकल्प का इस्तेमाल आईआईटी प्रणाली की पूरी प्रवेश प्रक्रिया को कमजोर करने में किया जा सकता है जो आईआईटी स्नातक शिक्षा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

तिवारी ने कहा, ‘मैं विद्यार्थियों का आह्वान करता हूं कि वे इसे चुनौती के तौर पर लें और पूरी दुनिया को अपनी साहस एवं गंभीरता दिखाएं.’ आईआईटी संयुक्त प्रवेश बोर्ड (जेएबी) के सदस्य एवं आईआईटी रोपड़ के निदेशक सरित कुमार दास ने कहा कि सितंबर में परीक्षा कराने का फैसला एक रात में नहीं लिया गया बल्कि सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर किया गया.

उन्होंने कहा, ‘गत कुछ समय से हम परीक्षा कराने की संभावना पर विचार कर रहे थे. हमने अवसंरचना और छात्रों की सुरक्षा मसलन कैसे सामाजिक दूरी के नियम का अनुपालन कराया जाए और अन्य नियमों पर विचार किया। हमने न केवल आपस में चर्चा की बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा कराने वालों से चर्चा की. दास ने कहा कि जनता को महामारी के बीच परीक्षा कराने के लिए की गयी तैयारियों की जानकारी नहीं है.

Also Read: JEE NEET 2020: कोरोना संकट के बीच बदले नजर आएंगे सेंटर, यहां पढ़ें परीक्षा से जुड़ी हर डिटेल

विशेषज्ञों ने सितंबर में उचित सुरक्षा, स्वास्थ्य उपाय के साथ परीक्षा कराने का तकनीकी फैसला लिया और सरकार ने उसका समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘यह धारणा पूरी तरह से गलत है कि सरकार ने एक रात में फैसला ले लिया और हम उसका अनुपालन कर रहे हैं.’ दास ने कहा कि कोई नहीं जानता कि तीन महीने बाद स्थिति क्या होगी और ‘शून्य अकादमिक सत्र’ विद्यार्थियों और संस्थानों दोनों के लिए खराब होगा। गौरतलब है कि स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली नीट परीक्षा 13 सितंबर को होनी है जबकि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए जेईई-मेंस परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच कराने की योजना है.

दोनों परीक्षाओं में क्रमश: 15.97 लाख और 9.53 लाख छात्र पंजीकृत हैं. दोनों परीक्षाएं कोरोना वायरस महामारी की वजह से पहले ही दो बार स्थगित की जा चुकी हैं. जेईई-मेंस परीक्षा पहले सात से 11 अप्रैल के बीच होनी थी जिसे स्थगित कर 18 से 23 जुलाई के बीच कराने की घोषणा की गयी. इसी प्रकार नीट परीक्षा तीन मई को होनी थी जिसे टाल कर 26 जुलाई कर दिया गया. इसके बाद दोनों परीक्षाओं को एक बार फिर टाल दिया गया और अब सितंबर में ये परीक्षाएं होंगी.

Also Read: NEET Exams 2020: 13 सितंबर को नीट एग्जाम, यहां जानिए कैसे डाउनलोड कर सकते हैं एडमिट कार्ड और जरूरी गाइडलाइंस

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के आंकड़ों के मुताबिक 17 लाख विद्यार्थी पहले ही इन दो परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड कर चुके हैं. आईआईटी गांधीनगर के निदेशक सुधीर के जैन ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि हम इस महामारी की वजह से अभूतपूर्व वैश्चिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहे हैं और विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों की चिंता को समझा जा सकता है, लेकिन हमें विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में भी सोचना होगा जो इसके लिए कई साल से तैयारी कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘लगता है कि यह महामारी प्रभावी टीके के आने तक रहेगी. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम उचित व्यक्तिगत लक्ष्यों की ओर एक-एक कदम कर बढ़ना जारी रखें.’ आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीताराम ने कहा, ‘जेईई परीक्षा साल में दो बार होती है और जो छात्र इस बार परीक्षा नहीं दे सकेंगे, वे छह महीने बाद परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. परीक्षा की तैयारी कर चुके विद्यार्थियों की मेहनत को ध्यान में रखते हुए यह ठीक होगा कि निर्धारित समय पर ही परीक्षा हो. परीक्षा कराने में देरी से विद्यार्थियों के साथ-साथ आईआईटी पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा और वर्ष 2020 का सत्र बर्बाद हो जायेगा.’

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें