बेंगलुरु : भाजपा विधानपार्षद ए एच विश्वनाथ विवादित शासक टीपू सुल्तान की प्रशंसा करे बुर फंस गये हैं. उन्होंने टीपू सुल्तान को देश का सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी बता दिया है. उन्होंने कहा, टीपू सुल्तान इस देश के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने देश में स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी. देश को ऐसी प्रख्यात हस्तियों का सम्मान करना है. विश्वनाथ के इस बयान से भारी बवाल शुरू हो गया है. इधर भाजपा ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है.
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने इसे निजी और व्यक्तिगत तौर पर की गई टिप्पणी करार दिया. विश्वनाथ को हाल ही में विधान पार्षद नामित किया गया है. पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा टीपू सुल्तान को महान शासक के रूप में न तो स्वीकार करती है और न ही आगे स्वीकार करेगी. पार्टी के प्रवक्ता गणेश कार्निक ने एक बयान में कहा कि टीपू सुल्तान को लेकर एमएलसी की टिप्पणियां निजी (बयान) हैं. पार्टी इनसे खुद को अलग करती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा एकमत रूप से टीपू सुल्तान को ‘ उन्मादी कट्टर’ शासक के रूप मे देखती है और उसके शासन को ‘अन्यायी’ मानती है. भाजपा के नेता ने कहा कि इतिहास गवाह है कि उसने इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए कोडुगु जिले में हजारों हिंदूओं और मंगलुरू मे ईसाइयों की हत्याएं की.
उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान को तलवार के बल पर धर्मांतरण कराने का शौक था. उसने फारसी को अपने शासन की आधिकारिक भाषा बनाया और वह कन्नड़ के खिलाफ था. उन्होंने कहा कि भाजपा टीपू सुल्तान को न तो महान शासक स्वीकार करती है और न ही करेगी.
Tipu Sultan was the greatest freedom fighter this country saw. He triggered the freedom movement in the country. The country has to respect to such eminent personalities: BJP MLC AH Vishwanath in Bengaluru yesterday pic.twitter.com/WlBpZIlFz9
— ANI (@ANI) August 27, 2020
भाजपा के इस बयान से विपरीत विश्वनाथ ने बुधवार को टीपू सुल्तान को ‘इस भूमि का बेटा’ बताते हुए कहा कि उन्होंने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. वहीं जब विधानपार्षद से कहा गया कि भाजपा का टीपू को लेकर अलग राय है तो उन्होंने कहा था कि वह अलग मुद्दा है. उन्होंने कहा, टीपू सुल्तान का ताल्लुक किसी पार्टी या जाति या धर्म से से नहीं है.
वहीं स्कूली पाठ्य पुस्तकों से इस शासक से जुड़े पाठों को हटाने की योजना से जुड़े विवाद पर उन्होंने कहा, यह मामला नहीं है. हमें टीपू सुल्तान के बारे में पढ़ना होगा. कर्नाटक की सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने टीपू सुल्तान की जयंती पर होने वाले सरकारी कार्यक्रम पर रोक लगा दी. भाजपा 2015 से ही इस कार्यक्रम का विरोध करती रही है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra