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JEE-NEET एग्जाम के लिए हायतौबा क्यों? कोरोना संकट के बीच चीन ने 1 करोड़ स्टूडेंट्स के लिए करवाई थी परीक्षा, ये थे इंतजाम

नयी दिल्ली : कोरोना संकट (Coronavirus Pandemic) के बीच नीट और जेईई परीक्षा (JEE-NEET Exam) के आयोजन को लेकर देशभर में हायतौबा मचा हुआ है. कई राज्यों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि परीक्षाओं को अभी टालना ही बेहतर होगा. जबकि केंद्र का कहना है कि अधिकतर छात्र परीक्षा कराने के पक्ष में हैं. आपको बता दें कि कुछ खास इंतजाम के साथ चीन ने जुलाई महीने में करीब 1 करोड़ स्टूडेंट्स के लिए विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था.

नयी दिल्ली : कोरोना संकट (Coronavirus Pandemic) के बीच नीट और जेईई परीक्षा (JEE-NEET Exam) के आयोजन को लेकर देशभर में हायतौबा मचा हुआ है. कई राज्यों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि परीक्षाओं को अभी टालना ही बेहतर होगा. जबकि केंद्र का कहना है कि अधिकतर छात्र परीक्षा कराने के पक्ष में हैं. आपको बता दें कि कुछ खास इंतजाम के साथ चीन ने जुलाई महीने में करीब 1 करोड़ स्टूडेंट्स के लिए विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था.

उल्लेखनीय है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) का आयोजन सितंबर महीने में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही कराया जायेगा. शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने डेट सीट जारी कर दी है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने कहा कि JEE (Main) और NEET (UG) परीक्षाएं घोषित तारीखों पर आयोजित की जायेंगी, जो क्रमशः 1 से 6 सितंबर और 13 सितंबर हैं.

चीन में 7 जुलाई से शुरू हुई थी यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा

चीन में कोरोना वायरस संकट के बीच सात जुलाई 2020 से विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा शुरू हुई थी. करीब 1.1 करोड़ छात्रों ने इन परीक्षाओं में भाग लिया था. दो दिन आयोजित होने वाली यह प्रवेश परीक्षा विद्यार्थियों के भविष्य को तय करने में मुख्य भूमिका अदा करती है. महामारी की वजह से यह प्रवेश परीक्षा अपने तय समयसीमा से कई सप्ताह बाद आयोजित की गयी.

इन नियमों का हुआ था कड़ाई से पालन

इस परीक्षा को महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने के तौर पर देखा जा रहा था और प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए कई कड़े नियम लागू किये थे. इनमें से एक नियम स्वस्थ होने का सबूत देना भी था. इसके अलावा सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना और मास्क पहनना था. वहीं छात्रों को सात दिनों के अपने शरीर के तापमान का रिकॉर्ड भी देना था. साथ ही कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट भी अपने साथ रखनी थी, जो ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए.

भारत में परीक्षा रद्द करने की जोरदार तरीके से हो रही है मांग

कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन को लेकर पूरे देश में विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी की बैठक में सात राज्यों के सीएम ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. गुरुवार को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि स्टूडेंट्स परीक्षा कराने के पक्ष में हैं. उन्होंने बताया कि छात्रों की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है. इसके लिए सेंटर की संख्या भी बढ़ा दी गयी है.

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के मुताबिक छात्रों की सुविधा को देखते हुए जेईई के लिए सेंटर को 570 से बढ़ाकर 660 कर दिया गया है. जबकि, नीट के लिए 2,546 की जगह 3,842 सेंटर बनाये गये हैं. छात्रों को पसंद के परीक्षा सेंटर भी दिये गये हैं. जेईई की परीक्षा 1 से 6 सितंबर और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होगी. एनटीए के मुताबिक जेईई और नीट के लिए 17.5 लाख से ज्यादा एडमिट कार्ड डाउनलोड किये जा चुके हैं.

क्या कहते हैं भारत के एक्सपर्ट

आईआईटी रूड़की के निदेशक अजित के चतुर्वेदी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘इस महामारी की वजह से पहले ही कई विद्यार्थियों और संस्थानों की अकादमिक योजना प्रभावित हुई है और हम जल्द वायरस को जाते हुए नहीं देख रहे हैं. हमें इस अकादमिक सत्र को ‘शून्य’ नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इसका असर कई प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ेगा.’ उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को व्यवस्था के प्रति आस्था रखने की जरूरत है.

चीन में कोरोनावायरस संक्रमण से 4,634 लोगों की हुई है मौत

राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिषद के डेटा के मुताबिक 7 जुलाई 2020 को चीन में कोरोनावायरस संक्रमण के आठ नये मामले सामने आये थे. ये सभी लोग देश से बाहर से आये थे. चीन के बुहान शहर से निकला कोरानावायरस आज पूरी दुनिया के लिए संकट का सबसे बड़ा सबब बना हुआ है. चीन में इस महामारी की वजह से अब तक 4,634 लोगों की मौत हुई है और 83,565 लोग संक्रमित हुए हैं. चीन ने वायरस के संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है.

भारत में कोरोनावायरस की स्थिति

देश में कोविड-19 बीमारी से स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या 25 लाख से अधिक हो गयी है जबकि मृत्यु दर घटकर 1.83 प्रतिशत रह गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में किये गये कोविड-19 परीक्षणों की कुल संख्या करीब 3.9 करोड़ तक पहुंच गयी. देश में एक दिन में कोविड-19 के 75,760 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 33,10,234 हो गयी. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 1,023 लोगों की मौत के साथ मृतकों की कुल संख्या 60,472 हो गयी. 24 घंटों के अंतराल में देश भर में 9,24,998 कोरोनावायरस परीक्षण किये गये.

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