पटना : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल होने से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत की अटकलों के बीच गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. मांझी ने आज नीतीश के पटना स्थित सरकारी आवास एक, अणे मार्ग जाकर उनसे मुलाकात की.
Political talks have not yet taken place, they are likely to be held soon. You will get to know on 30th: Hindustani Awam Morcha president Jitan Ram Manjhi on being asked about the possibility of alliance with JDU, after meeting Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/z84HYKX599
— ANI (@ANI) August 27, 2020
नीतीश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. मांझी ने हालांकि नीतीश के आवास से बाहर निकलने पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री के साथ किसी भी तरह की राजनीतिक वार्ता नहीं हुई और यह मुलाकात स्थानीय मुद्दों और समस्याओं पर केंद्रित थी.
मालूम हो कि 20 अगस्त को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर ने महागठबंधन में समन्वय समिति नहीं बनाये जाने पर महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के महागठबंधन से निकल जाने के बाद अब इस गठबंधन में चार दल राजद, कांग्रेस, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और मुकेश सहनी का दल वीआईपी बचे हैं.
बिहार विधानसभा में मांझी अपनी पार्टी के एक मात्र विधायक हैं. मांझी से यह पूछे जाने पर कि क्या राजग की ओर से आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को दस सीटों की पेशकश की गयी है, उन्होंने कहा, ”मैं 30 अगस्त को आपसे (मीडियाकर्मियों से) बात करूंगा.”
राजग में वर्तमान में जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी शामिल हैं. राजग में शामिल होने पर उनकी पार्टी द्वारा लगभग अंतिम मुहर लगा दिये जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ”अभी ऐसी कोई बात नहीं है.”
मीडिया की खबरों के अनुसार, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा 15-20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जिनमें से ज्यादातर मगध क्षेत्र में हैं. लेकिन, जेडीयू करीब 10-12 सीट देने को ही तैयार है. बिहार में सत्तारूढ़ राजग गठबंधन में पहले से ही एक दलित नेता केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा शामिल है. मांझी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी अन्य राजनीतिक दल में अपनी पार्टी का विलय नहीं करने जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने के लिए मजबूर होने के बाद मांझी ने जेडीयू से नाता तोड़कर अपनी नयी पार्टी बना ली थी और राजग के घटक के तौर पर 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन, जुलाई 2017 में नीतीश की राजग में वापसी होने पर वे विपक्षी महागठबंधन में शामिल हो गये थे.