डकरा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग ऑफ फ्यूल रिसर्च (सिंफर) के रिटायर्ड प्रोफेसर और भूमिगत कोयला खदान के विशेषज्ञ डाॅ नागेश्वर सहाय ने चूरी खदान में लगी आग का निरीक्षण रिपोर्ट सीसीएल प्रबंधन को भेज दिया है. रिपोर्ट मिलते ही एनके एरिया के महाप्रबंधक संजय कुमार रिपोर्ट को रांची के डीजीएमएस व डीडीएमएस अधिकारियों को सौंपी. सूत्रों ने बताया कि अगले दो दिन में खदान के नीचे जहां आग लगी हुई है उसके उपर ड्रील करने का आदेश डीजीएमएस कार्यालय से मिल सकता है. जहां ड्रील करना है वहां जंगल है, इसलिए प्रबंधन ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दे दी है.
वन विभाग की एक टीम गुरुवार को चूरी जाकर ड्रील वाली जगह का निरीक्षण करेगी. प्रबंधकीय सूत्रों ने बताया कि महाप्रबंधक संजय कुमार अब चूरी में कोई भी काम करने के पहले हर जरूरी औपचारिकता पूरी कर लेना चाहते हैं. इसके लिए वे खनन विभाग के साथ-साथ राज्य सरकार के सभी संबंधित अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं. सबकुछ ठीक रहा तो एक माह के अंदर पुनः खदान को चालू करने की प्रक्रिया पर काम शुरू हो सकता है. अधिकारी और कामगारों का होगा तबादलाजब तक चूरी खदान पुनः चालू नहीं हो जाता, तब तक यहां के अधिकारी और कामगारों का अस्थायी तौर पर दूसरे परियोजना में तबादला किया जायेगा.
यह निर्णय एनके एरिया सलाहकार समिति की बैठक में प्रबंधन और श्रमिक संगठन के लोगों ने लिया है. यह तबादला एनके एरिया के अंतर्गत ही किया जायेगा. सूत्रों ने बताया कि निर्णय के तुरंत बाद अधिकारियों का तबादला आदेश भी निकाल दिया गया है. शुक्रवार को कामगारों का भी आदेश निकाला जा सकता है.
चूरी को लेकर महाप्रबंधक की प्रशंसाचूरी खदान में आग लगने के बाद पूरे ऑपरेशन या किसी भी तरह की कार्यवाही के लिए जिस प्रकार महाप्रबंधक निर्णय ले रहे हैं, उसका इन दिनों कंपनी स्तर पर हर कोई प्रशंसा कर रहा है. लोगों ने बताया कि चूरी के लिए जो भी बेहतर निर्णय लिया जाना है, उसमें महाप्रबंधक क्षण भर की भी देरी नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण खदान रिकॉर्ड समय में सील हुआ और अब रिकॉर्ड समय में सील खोलने की दिशा में कार्रवाई शुरू हो रही है.
Post by : pritish sahay