22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में वेट लैंड्स की स्थिति पर सरकार गंभीर, बन रही पॉलिसी, संरक्षण को बनेगा कानून

वेट लैंड्स को ‘बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट’ भी कहा जाता है. सरकार मान रही है कि वेट लैंड्स नहीं बचाये गये, तो अगले एक दशक में प्रदेश जल संकट में गंभीर रूप से फंस जायेगा.

राजदेव पांडेय, पटना. राज्य सरकार प्रदेश में पानी संग्रह की जमीन को बचाने के लिए पॉलिसी बनाने जा रही है. दरअसल यह पॉलिसी संकटग्रस्त वेट लैंड्स (आद्र भूमि) को बचाने के लिए तैयार हो रही है.

वेट लैंड्स को ‘बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट’ भी कहा जाता है. सरकार मान रही है कि वेट लैंड्स नहीं बचाये गये, तो अगले एक दशक में प्रदेश जल संकट में गंभीर रूप से फंस जायेगा.

इससे न केवल बहुमूल्य जैव संपदा का विनाश हो जायेगा, बल्कि वेट लैंड्स पर आजीविका के लिए निर्भर लाखों की आबादी पलायन कर सकती है.

व्यापक स्वरूप वाले संकटग्रस्त वेट लैंड्स पटना, समस्तीपुर और वैशाली जिलों में हैं. यह सभी वेट लैंड्स सबसे भयावह बर्बादी की चपेट में हैं.

राज्य सरकार ने वेट लैंड्स की वर्तमान स्थिति जानने के लिए हाल ही में पोस्ट मॉनसून सर्वेक्षण भी कराया है. सेटेलाइट सर्वेक्षण में पाया गया है कि 27931 जल संरचना या स्रोत (वाटर बॉडीज ) ऐसे हैं, जिनका आकार आधा हेक्टेयर तक है.

इनमें से केवल 14 फीसदी वाटर बॉडीज में साल भर पानी रहता है, जबकि दो दशक पहले तक करीब 60 फीसदी से अधिक वाटर बॉडीज में पूरे साल पानी रहता था.

बात साफ है कि जल स्रोतों के सिमटने के लिहाज से खतरनाक दलदल में फंसता जा रहा है. प्रदेश में 1000 हेक्टेयर से अधिक में फैले जल स्रोत केवल पटना, समस्तीपुर और वैशाली जिले में स्थित हैं.

वेट लैंड क्या है

जलमग्न अथवा आर्द्र भूमि को वेट लैंड कहते हैं. प्राकृतिक अथवा कृत्रिम, स्थायी अथवा अस्थायी, पूर्णकालीन अथवा अल्पकालीन नमी युक्त एवं सभी तरह के जल वाली जमीन को वेट लैंड कहा जाता है. यह जलीय जीवों के लिए भोजन और आवास का साधन भी होते हैं.

वेट लैंड्स की उपयोगिता

  • वेट लैंड्स को बायोलॉजिकल सुपर-मार्केट कहा जाता है, क्योंकि यह फूड चैनल बनाते हैं. दरअसल यह फूड चैनल पूरे पारिस्थितिक तंत्र में जीवों को खाद्य मुहैया कराता है.

  • वेट लैंड्स को ‘किडनीज ऑफ द लैंड स्केप’ यानी ‘भू-दृश्य का गुर्दा’ भी कहा जाता है. यह देखते हुए कि जिस प्रकार शरीर में जल को शुद्ध करने का काम किडनी करती है. ठीक उसी तरह वेट लैंड्स जल को शुद्ध करता है.

  • वेट लैंड्स में सर्वाधिक मात्रा में औषधीय पौधे मिलते हैं.

  • बिहार की सर्वाधिक अबाादी इन वेट लैंड्स के करीब ही बसी है. यह वेट लैंड्स ही करोड़ों की अाबादी के भोजन का स्रोत हैं.

बिहार में वेट लैंड्स से जुड़े विशेष तथ्य

  1. बिहार में 4416 बड़े वेट लैंड्स हैं. इनमें सौ हेक्टेयर्स से बड़े वेट लैंड्स की संख्या 130 है.

  2. 17582 वेट लैंड्स 2.25 हेक्टेयर आकार के हैं.

  3. पूरे प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल में वेट लैंड्स 4 फीसदी (4032 स्क्वायर किलोमीटर ) हिस्से को घेरते हैं.

  4. बिहार सरकार ने 9 वेट लैंड्स को संरक्षित घोषित कर रखा है. इनमें सात पक्षी अभयारण्य हैं.

  5. प्रदेश के कुल वेट लैंड्स में से 90% केवल उत्तर बिहार में स्थित हैं.

पर्यावरणीय संकट से बचाना जरूरी

पर्यावरणविद एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार घोष कहते हैं कि प्रदेश के वेट लैंड्स को बचाने के लिए सरकारी पॉलिसी बनाने पर काम करने जा रही है. इसके लिए एक मीटिंग हो चुकी है.

इस दिशा में दूसरी कार्यशाला बुलायी जा रही है. जैव समृद्धि बचाने एवं बिहार को विभिन्न पर्यावरणीय संकट से बचाने यह अब जरूरी हो गया है. लिहाजा पर्यावरण विभाग इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें