जयपुर :कांग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee) की बैठक के पहले पार्टी, अध्यक्ष पद पर दो फाड़ में बंटी हुई नजर आ रही है. अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के कई नेता सोनिया गांधी (sonia gandhi) को अध्यक्ष पद पर बने रहने की अपील की है, वहीं कई नेता राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान थामने की मांग कर रहे हैं. वहीं पूर्व मंत्रियों सहित कुछ कांग्रेसी नेताओं की ओर से ‘नेतृत्व में बदलाव’ को लेकर सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान दिया है.
अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि माननीय अध्यक्ष को 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा पत्र लिखे जाने की खबरें अविश्वसनीय है और अगर यह सच है तो दुर्भाग्यपूर्ण है. मीडिया में इस खबर की जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. गहलोत ने कहा कि मेरा दृढ़ता से मानना है कि इस निर्णायक मोड़ पर सोनिया गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए. लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई अभी लड़नी है. सोनिया गांधी ने पार्टी की चुनौतियों को अपने सिर पर लिया है, लेकिन फिर भी उन्होंने पद छोड़ने का मन बना लिया तो राहुल गांधी को आगे आकर कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए, क्योंकि इस समय देश और संविधान को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है.
गौरतलब है कि कांग्रेस के 23 बड़े नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में ऊपर से लेकर नीचे तक बड़े परिवर्तन की मांग की थी. सोनिया को लिखी चिट्ठी में नेताओं ने यह सवाल भी उठाए थे कि इस दौरान अध्यक्ष के संबोधन के अलावा कुछ नहीं होता. इस चिट्ठी पर जिन नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं, उनमें पांच पूर्व मुख्यमंत्री और कार्यकारिणी के कई सदस्य भी शामिल हैं.
वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि वह पार्टी प्रेजिडेंट के रूप में बनी रहें. अब राहुल जी को कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए। मैं सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि राहुल जी वापस आएं. जब तक राहुलजी पदभार नहीं संभालते . महाराष्ट्र कांग्रेस प्रेजिडेंट बालासाहेब थोरट ने कहा कि सोनिया जी अंतरिम प्रेजिडेंट की तौर पर जिम्मेदारी संभालती रहें. वहीं असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने का अनुरोध किया ताकि वे पार्टी का नेतृत्व कर सकें और भाजपा और RSS से सामने से लड़ सकें.