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Teej Vrat के दिन भी कुछ सुहागिनों को करनी पड़ी है डबल ड्यूटी तो कुछ को उठानी पड़ी है राइफल

Hartalika Teej 2020 Date, timing, din, vrat, puja vidhi, Jharkhand News : रांची : कल हरितालिका तीज है. इस बार द्वितीया तिथि क्षय है. गुरुवार को महिलाएं रात में ओठगन करेंगी. इसके बाद व्रत शुरू हो जायेगा. शुक्रवार की रात 1.58 बजे तक तृतीया है. इस बार हस्ता नक्षत्र नहीं मिल रहा है, लेकिन शुद्ध रूप से तृतीया मिलने के कारण इसका विशेष महत्व है.

Hartalika Teej 2020 Date, timing, din, vrat, puja vidhi, Jharkhand News : कल हरितालिका तीज है. इस बार द्वितीया तिथि क्षय है. गुरुवार को महिलाएं रात में ओठगन करेंगी. इसके बाद व्रत शुरू हो जायेगा. शुक्रवार की रात 1.58 बजे तक तृतीया है. इस बार हस्ता नक्षत्र नहीं मिल रहा है, लेकिन शुद्ध रूप से तृतीया मिलने के कारण इसका विशेष महत्व है.

सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए 24 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं. गृहिणी हों या नौकरीपेशा महिला हर किसी के लिए यह व्रत महत्व रखता है. नौकरीपेशा महिलाएं ड्यूटी के साथ इस परंपरा को निष्ठा से निभाती आ रही हैं. ऐसे ही कुछ नौकरीपेशा महिलाओं पर आधारित यह रिपोर्ट पढ़िए.

तीज व्रत पर कभी काम से छुट्टी नहीं ली

डॉ मुक्ता अग्रवाल, सदर अस्पताल

तीज व्रत पर कभी काम से छुट्टी नहीं ली डॉ मुक्ता अग्रवाल सदर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट हैं. वह आठ वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं. इसके बावजूद कभी भी तीज व्रत पर छुट्टी नहीं ली़ वह बताती हैं : शादी के करीब 20 साल हो गये. 20 सालों से लगातार तीज का व्रत कर रही हूं. पढ़ाई के समय भी हमेशा बाहर रहीं, लेकिन उपवास नहीं छोड़ा.

अब तो जॉब के साथ व्रत करने की आदत हो गयी है. मैंने सब प्लानिंग करके ही अपने काम और व्रत को पूरा किया है. इसलिए कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. हमेशा कोशिश करती हूं कि खुशी के साथ दोनों निभा सकूं. इसलिए ड्यूटी से आने के बाद अपने व्रत की तैयारी दो दिन पहले से ही थोड़ी-थोड़ी करनी शुरू कर देती हूं ताकि पूजा के दिन ज्यादा परेशानी या दिक्कत ना आये. इसमें हमेशा परिवार का भी सहयोग रहा है.

कर्तव्य के साथ परंपरा को निभाना भी जरूरी

डॉ आभा प्रसाद, रांची वीमेंस कॉलेज

इटकी रोड की रहने वाली डॉ आभा प्रसाद रांची वीमेंस कॉलेज में प्रोफेसर हैं. साथ ही अपनी परंपरा को लेकर भी कभी सजग दिखती हैं. वह 1998 से हरितालिका तीज का व्रत कर रही हैं. जबकि 1982 से एजुकेशन के क्षेत्र से जुड़ी हैं. डॉ आभा कहती हैं : पर्व-त्योहार जीवन का एक अहम हिस्सा हैं.

इसे सभी को अपने निष्ठा के साथ निभाने की आवश्यकता होती है. इसी बीच अपने कर्तव्य को भी निभाना आवश्यक है. हालांकि यह पर्व हम बचपन से देखते आये हैं, इसलिए इसका महत्व अच्छे से समझते हैं. लेकिन अपने काम को भी निभाना आवश्यक है. वह कहती हैं : कई बार तीज पर एग्जामिनेशन ड्यूटी या आवश्यक ड्यूटी होने पर जाना पड़ता है, तो जरूर जाती हूं. क्योंकि तीज की तैयारी तो पहले से ही कर ली जाती है.

अपना काम पूरा कर ही ऑफिस से घर आती हूं

स्वाति सिंह, बैंक कर्मी

बैंक कर्मी स्वाति सिंह 2011 से तीज का व्रत करते आ रही हैं. हालांकि उनको जॉब करते हुए 11 वर्ष हो चुके हैं. जॉब के साथ-साथ हरितालिका तीज व्रत की परंपरा भी पूरी निष्ठा के साथ निभाती आ रही हैं. वह कहती हैं : बैंक का काम काफी मुश्किल होता है. इसलिए तीज पर्व पर आज तक कभी भी छुट्टी पर नहीं रही़ हमेशा तीज के दिन भी ऑफिस समय पर पहुंच जाती हूं. हालांकि उस दिन कोशिश होती है कि जल्दी ही काम को निपटा सकूं, ताकि अच्छे से घर में पूजा कर सकूं.

स्वाति सिंह कहती हैं : हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत ही महत्व है. इसे पूरे नियमों का पालन करना पड़ता है. कई बार ऐसा भी हुआ है कि तीज के दिन वर्क लोड ज्यादा होने के बावजूद पूरा काम खत्म करने के बाद ही घर गयी हूं. बैंक का समय निश्चित नहीं होता़ फिर भी अपने काम और परंपरा को हमेशा निष्ठा के साथ निभाते आ रही हूं.

तीज के दिन कर चुकी हूं डबल ड्यूटी

राजश्री मिश्रा, प्रभारी प्राचार्य

एसआरडीएवी पुंदाग की प्रभारी प्राचार्या राजश्री मिश्रा 1986 से हरितालिका तीज व्रत करती आ रही है. वह कहती हैं कि कई बार तीज के दिन ही डबल ड्यूटी भी करनी पड़ी है. फिर भी मैंने अपने काम को प्राथमिकता देते हुए परंपरा को भी निभाया है. ड्यूटी खत्म करके ही पूजा के लिए जाती़ राजश्री मिश्रा कहती हैं : भुवनेश्वर, हैदराबाद सहित विभिन्न जगहों पर गयी हूं, हर जगह इस पर्व की महत्ता दिखायी देती है़ नौकरी पेशा हों या गृहिणी सभी सुहागिन महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान से करती हैं. कोशिश होती है कि घर में ही सारी व्यवस्था करके बालू से शिव जी की प्रतिमा बनाऊं. गणपति पूजा के बाद ही उपवास तोड़ती हूं.

पर्व-त्योहार के दिन भी उठानी पड़ती है राइफल

विभा कुमारी, झारखंड पुलिस

रांची जिला पुलिस में कार्यरत विभा कुमारी कहती हैं कि कर्तव्य के साथ पति की लंबी आयु के व्रत रखना एक परंपरा भी है और उसके साथ एक उत्साह भी रहता है. ड्यूटी तो सबसे पहले है, लेकिन तीज जैसा व्रत भी सुहागिनों के लिए काफी जरूरी है. विभा 2005 से झारखंड पुलिस से जुड़ी हुई हैं. वह बताती हैं : 2008 से तीज व्रत कर रही हूं. ड्यूटी में व्रत से कोई फर्क नहीं पड़ता. आवश्यकता पड़ती है, तो पर्व-त्योहार के दिन भी राइफल उठानी पड़ती है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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