Ganesh Chaturathi 2020 Date, Puja Vidhi: कोरोना वायरस के बढ़ते दायरे के बीच 22 अगस्त से गणेश उत्सव शुरू होने जा रहा है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को देशभर में गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है. इस शुभ अवसर पर ज्यादातर लोग अपने घर पर गणपति भगवान की मुर्ति का स्थापना कर पूजा करते है और उनके आशीर्वाद से जीवन में मंगल बना रहे इसकी कामना करते है. इस दौरान कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गाइडलाइंस के तहत धार्मिक आयोजनों पर रोक है. ऐसे में तमाम पर्व और त्योहार कोरोना वायरस की भेंट चढ़ते जा रहे हैं.
इस अवसर पर भगवान गणेश जी के भक्त उनकी मनमोहक प्रतिमा चुनकर घर में स्थापना करेंगे. जब भगवान गणेश की मूर्ति घर लाते है तो उनकी नियम निष्ठा पूर्वक उनकी पूजा करते हैं. वैसे तो गणेशजी का हर रूप मंगलकारी और विघ्न नाशक है लेकिन अपनी चाहत के अनुसार मूर्ति लेकर आएंगे तो आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी. गणेशजी की मूर्ति घर लाते समय इन चीजों को देखकर लाएंगे तो आपकी हर मनोकामनाएं पूरी होगी. आइए जानते है कि भगवान गणेश जी की मूर्ति किस तरीके की होनी चाहिए…
बैठे हुए गणेशजी ही सबसे शुभ फलदायी माने गए हैं. अगर आप बैठे हुए भगवान गणेशी की मूर्ति घर लाकर पूजा करते हैं तो आपकी घर ना सिर्फ बरकत होती है बल्कि स्थाई धन में भी लाभ होता है. हालांकि खड़े होकर आशीर्वाद देते हैं गणेशजी की प्रतिमा अच्छी मानी गई है. यह सफलता और तरक्की की सूचक मानी जाती है.
गणेशजी की मूर्ति घर लाएं तो सबसे पहले ध्यान रखें कि गणेशजी की सूंड बाएं यानी लेफ्ट साइड होनी चाहिए. ऐसी मूर्ति को ही वक्रतुंड माना जाता है. दाएं यानी राइट साइड की ओर मूड़ी हुई मूर्ति की पूजा से मनोकामना सिद्ध में देरी लगती है.
गणेशजी की मूर्ति में उनका वाहन चूहा जरूर होना चाहिए, इसके साथ ही गणेशजी के हाथों में एक दंत, अंकुश भी होना चाहिए. गणेशजी के एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में होना चाहिए और एक हाथ में मोदक होना चाहिए क्योंकि शास्त्रों में देवी-देवताओं का आह्वान इसी रूप में किया जाता है.
अगर आप आराम करते हुए गणेशजी की मूर्ति घर लाते हैं तो इससे घर में सुख और आनंद बढ़ता है. इनकी पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और आपको मानसिक शांति प्राप्त होती है. वहीं सिंदूरी रंग वाले गणेशजी समृद्घि दायक माने गए हैं. सिंदूरी वाले गणेशजी की पूजा ग्रहस्थ और व्यवसायियों को करनी चाहिए.
संतान प्राप्ति के लिए घर में बाल गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करना शुभ माना गया है. इनकी हर रोज पूजा करने से सभी विघ्न दूर होते हैं और संतान की प्राप्ति होती है. वहीं नृत्य करते हुए गणेशजी की मूर्ति लाने से घर में लाने से आनंद और उत्साह के साथ उन्नति भी होती है.
गणेशजी की मिट्टी की बनी हुई प्रतिमा शुभ फलदायी मानी गई है, लेकिन अगर बाजार यह उपल्बध ना हो तो केमिकल वाली मूर्ति को ना लाकर धातु से बनी मूर्ति को घर लेकर आना चाहिए. धातु से बनी हुई मूर्ति भी फलदायी होती है.
गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करने से पहले यह ध्यान रखें कि वहां आसपास उनकी दूसरी कोई मूर्ति ना हो. आमने-सामने मूर्ति होने पर नुकसान हो सकता है. वहीं, गणेशजी की मूर्ति को घर के ब्रह्म स्थान अर्थात केंद्र में स्थापित करना उत्तम माना गया है. साथ ही ध्यान रखें कि गणेशजी की सूंड़ उत्तर दिशा की ओर हो.
News Posted by: Radheshyam kushwaha