Bengal news, Asansol news : आसनसोल : आसनसोल साऊथ थाना अंतर्गत आश्रम मोड़ स्थित गणपति ज्वेलर्स लूटकांड का मास्टरमाइंड चित्तरंजन निवासी अजय राम पुलिस के हत्थे चढ़ गया. आरोपी अजय लूटकांड के 6 माह बाद इलाके में दोबारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए वापस लौटा था. 15 अगस्त को वह मिहिजाम (झारखंड) में अपने एक रिश्तेदार के घर पर आया. वहां से उसने अपने पुराने सहयोगियों को संपर्क कर उन्हें इकट्ठा करने का कार्य शुरू करते ही पुलिस सक्रिय हो गयी. जब तक पुलिस पहुंचती, तब तक वह यहां से फरार हो गया था. इस दौरान पुलिस की दबिश लगातार जारी रही और आखिरकार मुंगेर (बिहार) जिला के बड़हरा थाना अंतर्गत दरियापुर इलाके से उसकी गिरफ्तारी हुई. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी को आसनसोल जिला अदालत में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकरी (CJM) के समक्ष पेश किया.
गणपति ज्वेलर्स लूटकांड मामले में आसनसोल साऊथ थाना में दर्ज कांड संख्या 75/2020 तारीख 19 फरवरी, 2020 के जांच अधिकारी अरुणाभ भट्टाचार्या ने आरोपी अजय राम की टीआई परेड की अपील अदालत में की. अदालत ने उसे मंजूर किया. जिसके उपरांत न्यायिक हिरासत में बुधवार को ही टीआई परेड की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी. गुरुवार को जांच अधिकारी अदालत में 13 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील करेंगे. पुलिस को उम्मीद है कि पुलिस रिमांड में अजय से पूछताछ में कांड से जुड़े कुछ अहम सुराग हाथ लगेंगे.
गणपति ज्वेलर्स लूटकांड का मास्टरमाइंड चित्तरंजन निवासी अजय राम 19 फरवरी, 2020 को इस कांड को अंजाम देने के बाद रात को झारखंउ के मिहिजाम इलाके में रुका था. यहां से 20 फरवरी की सुबह वह बोकारो गया. यहां उनलोगों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी. उसके बाद यहां से सभी फरार हो गया. पुलिस अजय की तलाश में लगातार छापेमारी करती रही. वह पकड़ में नहीं आया. इस दौरान कांड में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से शामिल 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. अजय को पुलिस नहीं पकड़ पायी. 23 मार्च से कोरोना के कारण लॉकडाउन शुरू हो जाने के बाद जांच की गति धीमी हो गयी. 15 अगस्त को अजय झारखंड के मिहिजाम में आया और अपने पुराने साथियों को इकट्ठा करने का कार्य शुरू किया. पुलिस को इसकी सूचना मिल गयी. 16 तारीख की सुबह में पुलिस की टीम चित्तरंजन स्थित उसके आवास पर धावा बोला. उसके पिता, छोटे भाई, मां से पूछताछ के बाद अजय का ठिकाना मिला. वह मिहिजाम (झारखंड) में अंबेडकर नगर में अपने एक रिश्तेदार का पास रुका था. पुलिस के पहुंचने के 10 मिनट पहले ही वह वहां से निकल गया. इस दौरान परिवार के सदस्यों से पूछताछ के बाद पता चला कि अजय मुंगेर में अपने एक रिश्तेदार के घर में है. कमिश्नरेट पुलिस ने मुंगेर पुलिस से संपर्क किया और बड़हरा थाना क्षेत्र के दरियापुर इलाके से उसे गिरफ्तार किया.
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लूटकांड को अंजाम देने के बाद से अजय मिहिजाम कानगोई इलाके के अपने एक दोस्त के नाम पर लिया हुआ सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था. इस सिम कार्ड भी उसने बंद कर दिया था. 15 अगस्त की रात 11 बजे वह मिहिजाम में आने के बाद दोबारा उसने इसे चालू किया. पुलिस को इस सिम कार्ड की जानकारी नहीं थी. इस नंबर से वह अपने पुराने दोस्तों से संपर्क किया और मिलने के लिए जगह तय किया. पुलिस को इसकी जानकारी मिल गयी. अपने घरवालों से भी उसने इसी नंबर से संपर्क किया था. पुलिस को चकमा देने के लिए अजय ने यहां से भागने के दौरान अपना सिम कार्ड बदल दिया. फिर भी पुलिस उसे ढूंढ निकाली.
पुलिस के अनुसार, अजय इलाके में दोबारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए अपने पुराने कुछ सहयोगियों को जमा करने के लिए यहां आया था. उसे डर था कि मोबाइल फोन पर बात करना खतरे से खाली नहीं है. इसलिए सभी को फोन कर एक जगह मिलने के लिए बुलाया था. इससे पहले ही छापेमारी हो गयी और वह यहां से भागकर मुंगेर निकल गया. इधर, रिमांड अवधि में उसकी अगली योजना की भी जानकारी ली जायेगी.
गणपति ज्वेलर्स लूटकांड में सबसे पहले अजय के चचेरे भाई राजेश राम की गिरफ्तारी 26 फरवरी को हुई. पुलिस उसे कांड का प्रत्यक्ष आरोपी मान रही है. दूसरी गिरफ्तारी जोड़ापोखर (झारखंड) थाना के भौंरा ओपी अंतर्गत भौंरा 12 नंबर इलाके का निवासी और बीसीसीएल कर्मी शंकर लोहार की गिरफ्तारी 27 फरवरी को हुई. यह कांड का परोक्ष आरोपी था. कांड को अंजाम देने और बाद में आरोपियों को विभिन्न प्रकार से मदद की थी. कांड का प्रत्यक्ष और सबसे अहम आरोपी ओमप्रकाश प्रसाद (रवानी) ऊर्फ गुड्डू की गिरफ्तारी 16 मार्च को हुई. कांड में परोक्ष रूप से शामिल हजारीबाग के चौपारण थाना अंतर्गत श्रीमा गांव के निवासी दीपक कुमार सिंह और डब्ल्यू कुमार सिंह की गिरफ्तारी हुई. कांड के बाद इन दोनों ने अपने यहां आरोपियों को शेल्टर दी थी. छठे आरोपी के रूप में कांड के मास्टरमाइंड अजय राम की गिरफ्तारी हुई.
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19 फरवरी शाम 7.35 बजे 5 की संख्या में अपराधियों ने आश्रम मोड़ स्थित गणपति ज्वेलर्स में लूटकांड को अंजाम दिया. 20 मिनट के अंदर ही अपराधियों ने 5 किलो स्वर्ण आभूषण, 30 लाख रुपये मूल्य का हीरा और 5 लाख रुपये नकदी लूटकर फरार हो गया. सारे अपराधी बाइक से यहां से निकले. 19 तारीख रात को मिहिजाम में रुके. 20 फरवरी की शाम को चंदनकियारी (झारखंड) थाना क्षेत्र के लंका गांव में गोलीकांड को अंजाम दिया, जिसमें स्थानीय बासुदेव महतो की मौत हुई और दो लोग घायल हुए. जांच के दौरान पाया गया कि ज्वेलरी शॉप से लूटे गये जेवरात के डिब्बों को अपराधी यहां जला रहे थे. ग्रामीणों के वहां पहुंचते ही अपराधियों ने गोली चला दी. जले हुए डिब्बों में गणपति ज्वेलर्स का टैग पाया गया. जोड़ापोखर पुलिस ने इसकी सूचना कमिश्नरेट पुलिस को दी. पुलिस जांच के लिए पहुंची और यह बात साबित हो गयी कि लूटकांड और गोलीकांड को अंजाम देने वाले एक ही गिरोह के लोग हैं. झारखंड और बंगाल पुलिस संयुक्त रूप से मामले की जांच में जुट गयी. लंका में गोलीकांड को अंजाम देने के बाद अपराधी स्कार्पियो से भागे थे. पुलिस ने इस स्कार्पियो का सूत्र पकड़कर चित्तरंजन निवासी सुदेश राम का पुत्र राजेश राम को 24 फरवरी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद कांड से पर्दा उठने लगा. कांड में राजेश की संलिप्तता आने के पर उसे गिरफ्तार किया गया. टीआई परेड में उसकी शिनाख्त करवायी गयी. राजेश की निशानदेही पर शंकर लोहार की गिरफ्तारी हुई. उसके उपरांत एक के बाद एक कुल 6 लोग गिरफ्तार हुए. लूटकांड में प्रत्यक्ष रूप से शामिल 2 आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
लूटकांड के बाद पुलिस आयुक्त सुकेश कुमार जैन ने सभी खामियों की समीक्षा की और उन खामियों को दूर किया. जिसके परिणाम स्वरूप ही अजय की गिरफ्तारी हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, झारखंड, बिहार, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के सभी सक्रिय अपराधियों को कमिश्नरेट में ट्रैकिंग में रखा गया है. इसके लिए उच्च तकनीक के उपयोग के साथ-साथ पुराने सिस्टम को भी मजबूत किया गया है. यदि कोई अपराधी कमिश्नरेट के आसपास भी है, तो उसकी जानकारी कमिश्नरेट पुलिस को मिल जायेगी. इसी सिस्टम के तहत अजय के यहां आने की जानकारी कुछ ही समय में पुलिस को मिल गयी और यहां से भागने के बाद भी पुलिस ने उसका पीछा कर पकड़ लिया.
Posted By : Samir Ranjan.