BHU Admission 2020: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU Admission 2020) जल्द ही अपने पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश परीक्षा (PET) 2020 के लिए एडमिट कार्ड जारी करेगा. एडमिट कार्ड जारी होने के बाद, जिन उम्मीदवारों ने सफलतापूर्वक परीक्षा के लिए पंजीकरण कर लिया है, वे इसे आधिकारिक वेबसाइट से bhuonline.in पर डाउनलोड कर सकेंगे.
बीएचयू प्रवेश परीक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU Admission 2020) दो चरणों में होगी. पहले चरण में, बीएचयू सभी स्नातकोत्तर कार्यक्रमों, एलएलबी (3-वर्ष), बीएड, बीएड-स्पेशल एजुकेशन, बीपी ईडी, बीएफए और बीपीए के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा, जबकि दूसरे चरण में विश्वविद्यालय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए परीक्षा आयोजित करेगा.
संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा का पहला चरण 24 से 31 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण की परीक्षा 9 से 14 सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी.
बीएचयू (Banaras Hindu University) ने एक आधिकारिक नोटिस में बताया था कि परीक्षा से एक सप्ताह पहले एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाएगा. BHU PET 2020 के उम्मीदवारों को अपने एडमिट कार्ड की जल्द ही उम्मीद करनी चाहिए.
BHU PET एडमिट कार्ड 2020 कैसे डाउनलोड करें:
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आधिकारिक वेबसाइट bhuonline.in पर जाएं
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होमपेज पर, उस लिंक पर क्लिक करें जो BHU PET एडमिट कार्ड 2020 को पढ़ता है
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अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स की कुंजी जैसे पंजीकरण संख्या और पासवर्ड
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आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा
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डाउनलोड कर उसका प्रिंट आउट ले लें
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू )
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है. बीएचयू जिसे (बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी) कहा जाता है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना (वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय एक्ट, एक्ट क्रमांक 16, सन् 1915) महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन् 1916 में वसंत पंचमी के पुनीत दिवस पर की गई थी. दस्तावेजों के अनुसार इस विश्वविद्यालय की स्थापना मे मदन मोहन मालवीय जी का योगदान केवल सामान्य संस्थापक सदस्य के रूप मे था, दरभंगा के महाराजा रामेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय की स्थापना में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था दान देकर की. इस विश्वविद्यालय के मूल में डॉ॰ एनी बेसेन्ट द्वारा स्थापित और संचालित सेन्ट्रल हिन्दू कॉलेज की प्रमुख भूमिका थी। विश्वविद्यालय को “राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान” का दर्ज़ा प्राप्त है. हैदरबाद के निज़ाम -मीर उस्मान अली खान विश्वविद्यालय के लिए 10 लाख रुपये का बड़ा दान दिया.