दरभंगा : स्वास्थ्य विभाग ने डीएमसीएच में 452 नर्स की नियुक्ति की है. मंगलवार को 22 नर्स ने योगदान भी दे दिया है. विभागीय निर्देश के अनुसार 24 अगस्त तक सभी नर्स को योगदान कर लेना है. बताया जाता है कि नर्सों की कमी से जूझ रहे डीएमसीएच में अब चिकित्सा सेवा में सहूलियत होगी. डीएमसीएच में वर्षों से मरीजों की सेवा में समस्या हो रही थी. इसका प्रमुख कारण अस्पताल में नर्सों की कमी है. अस्पताल में 970 सृजित पद के विरुद्ध केवल 298 नर्स ही कार्यरत थी. लिहाजा मरीजों की दवा फॉलो व अन्य तिमारदारी में कठिनाई हो रही थी. परिजन भी अस्पताल प्रशासन पर इलाज में कोताही का आरोप लगाते रहे हैं.
नर्सों की नियुक्ति के बाद मरीजों को चिकित्सकीय सेवा में सुविधा मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है. नये नर्स की नियुक्ति के बाद अस्पताल की चिकित्सा सुविधा में गुणात्मक असर देखने को मिलेगा. विदित हो कि नर्सों की कमी के कारण सबसे अधिक समस्या मेडिसिन, सर्जरी, आर्थो विभागों में होती रही है. समय से मरीजों को दवा नहीं मिल पाती है. कई बार मरीज व परिजन इसकी शिकायत भी करते हैं. नर्सों की कमी दूर हो जाने के बाद मरीजों को अब बेहतर सेवा मिल सकेगी.
दरभंगा. ट्रेनिंग लेकर सालों से नियोजन की प्रत्याशा में भटक रही दर्जनों नर्सों ने न्याय की गुहार लगायी है. राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक के नाम संबोधित पत्र में प्रशिक्षित परिचारिकाओं का कहना है कि प्रत्येक वर्ष सैकड़ों नर्स विभिन्न नर्सिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेकर नियुक्ति की आस में दर- दर भटक रही है, लेकिन जॉब नहीं मिल रहा. सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया में आयु सीमा सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न कर रही है.
प्रशिक्षित होने के बावजूद उम्र सीमा पार कर जाने के कारण सैंकड़ों नर्स नियुक्ति से वंचित हो रही है. कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में उम्र सीमा के प्रावधान को सरकार हटावे. मीरा कुमारी ने कहा है कि सभी जरुरी पात्रता रहते हुये भी उम्र सीमा के कारण उनलोगों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. नियुक्ति प्रक्रिया में आयु सीमा को हटाने की मांग सरकार से की है. साल 2009 से 2018 तक पास आउट नर्सों को नियुक्ति में राहत देने की बात कही है. कहा है कि ऐसा नहीं किया जाता है तो बाध्य होकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की जायेगी.
posted by ashish jha