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चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने शिक्षकों को दिया बड़ा तोहफा, इंक्रीमेंट के साथ ये सारी सुविधाएं

पटना : राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है. स्वतंत्रता दिवस के दिन गांधी मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा पर अमल करते हुए राज्य कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्तों में बदलाव कर दिया है. इसके अनुसार नियोजित शिक्षकों की अगले साल एक अप्रैल से 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की जायेगी.

पटना : राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए राहत का पिटारा खोल दिया है. स्वतंत्रता दिवस के दिन गांधी मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा पर अमल करते हुए राज्य कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्तों में बदलाव कर दिया है. इसके अनुसार नियोजित शिक्षकों की अगले साल एक अप्रैल से 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की जायेगी.

नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को अगले महीने एक सिंतबर से इपीएफ का भी लाभ मिलेगा. दिव्यांग और महिला शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को सेवा में एक बार दूसरे जिले में भी तबादला हो सकेगा. पुरुष शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्षों को दूसरे जिले में तबादले के लिए म्यूचुअल का प्रावधान किया गया है. यानी, तबादले के लिए दूसरे जिले से कोई आना चाहते हों, तो उनकी जगह तबादला संभव हो सकेगा.

सरकार ने नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन देने का भी फैसला लिया है. नियोजित शिक्षकों की योग्यता के आधार पर उन्हें ऊपरी कक्षाओं के लिए रिक्त पचास प्रतिशत पदों पर प्रमोशन दी जायेगी. नियोजित शिक्षकों को प्रधानाघ्यापक और प्रिंसिपल बनने का भी रास्ता साफ हो गया है. इसके तहत सुयोग्य प्राथमिक नियोजित शिक्षकों का मिडिल स्कूल में आधे पदों पर प्रमोशन दी जायेगी. उन्हें प्रधानाध्यापक भी बनाया जायेगा.

मिडिल नियोजित शिक्षकों को योग्यता के आधार पर हाईस्कूलों में खाली पद पर प्रमोशन और प्रिंसिपल के पद पर तैनाती भी हो सकेगी. इसी प्रकार हाईस्कूल के शिक्षकों को योग्यता के आधार पर इंटर स्कूलों में प्राचार्य के पद पर और शिक्षक के खाली पदों पर नियुक्ति का अवसर मिलेगा. इनके वेतन समायोजन को लेकर वित्त विभाग अलग से निर्णय करेगी. सरकार शिक्षकों के पे प्रोटेक्क्शन देगी.

महिला शिक्षकों को अब 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलेगा. अब तक उन्हें 135 दिनों का मातृत्व अवकाश मिल रहा है. पुरुष शिक्षकों को भी पितृत्व अवकाश के तौर पर पंद्रह दिनों की छुट्टी मिलेगी. नियोजित शिक्षकों को अब तीन साल की सेवा के बाद ही स्टडी लीव का लाभ मिलेगा. वर्तमान में सात साल की सेवा पूर्ण करने के बाद ही उन्हें यी लाभ मिलता था. सेवा शर्तों में संशोधन के बाद तीन साल की सेवा के बाद शिक्षक इस लाभ को उठा सकेंगे. स्टडी लीव अवैतनिक होगा.

शिक्षकों को प्रतिवर्ष 11 दिनों का अर्जित अवकाश मिलेगा. इसे 120 दिनों तक संचित कर सकेंगे. शिक्षकों को समय से वेतन मिलेगा. शिक्षक संघों की मांगों के अनुरूप सरकार ने अधिकतर जिलों में भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से ही उनके वेतन भुगतान का निर्णय लिया है.

नियोजित शिक्षकों के आश्रितों की अनुकंपा पर नियुक्ति की मांगे भी सरकार ने मान ली है. अब उनके परिजनों को ऐसे मामले में योग्यतस के आधार पर वर्ग तीन और चार के पदों पर नियुक्ति हो सकेगी. सरकार इसके लिए नये पदों का सृजन करेगी. इनमें से पाचास फीसदी पद नियोजित शिक्षकों के आश्रितों के लिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए सुरक्षित रखेगी.

नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि और इपीएफ में पैसा जमा करने पर राज्य सरकार के खजाने पर प्रतिवर्ष 2765 करोड़ का बोझ बढ़ेगा. इसमें 815 करोड़ इपीएफ के लिए और वेतन बढ़ोतरी के लिए 1950 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

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