नयी दिल्ली: पद्म विभूषण शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका के न्यू जर्सी में 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था. उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली. पंडित जसराज के निधन से संगीत जगत से लेकर बॉलीवुड तक सभी शोक में डूब गया है.
पंडित जसराज के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा, ”पंडित जसराज जी के निधन से भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र में एक खालीपन आ गया है. न केवल उनकी प्रस्तुतियां उत्कृष्ट थीं, उन्होंने कई अन्य गायकों के लिए एक असाधारण गुरु के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. दुनिया भर में मौजूद उनके प्रशंसकों और परिवार के प्रति संवेदना. ओम् शांति”
28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था. बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था और उनका पालन पोषण बड़े भाई पण्डित मणीराम के देखरेख में हुआ. पंडित जसराज भारतीय शास्त्रीय संगीत के पहचान की तरह थे. भारतीय शास्त्रीय संगीत की सेवा के लिए उन्हे कई सम्मान भी मिल चुके हैं. अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने ग्रह को पण्डित जसराज के सम्मान में ‘पण्डितजसराज’ नाम दिया था. इंटरनेशनल एस्ट्रोनामिकल यूनियन (आईएयू) ने ‘माइनर प्लेनेट’ 2006 वीपी 32 (नंबर 300128) का नामकरण पंडित जसराज के नाम पर किया है. इस ग्रह की खोज 11 नवंबर 2006 को की गयी थी. ‘माइनर प्लेनेट’ वह ग्रह होते हैं जो न तो ग्रह हैं और न ही इन्हें पूरी तरह से धूमकेतु का जा सकता है.
यह सम्मान पाने वाले पंडित जसराज पहले भारतीय संगीतकार थें. इससे पहले मोजार्ट बीथोवन और टेनर लूसियानो पावारोत्ति को यह सम्मान मिल चुका है. पिछले आठ दशक से संगीत साधना में जुटे पद्म विभूषण पंडित जसराज मेवात घराने के सशक्त स्तंभ थें. 28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज अपने जिंदगी के आखिरी समय तक पूरी उर्जा के साथ संगीत के क्षेत्र में सक्रिय थें.
Posted By : Rajat Kumar