कोलकाता : संगीत मार्तंड पंडित जसराज का निधन वकाई ‘संगीत के सूरज’ का अस्त होना है. पंडित जसराज के शिष्य प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित सुमन घोष ने अमेरिका से दु:ख जताते हुए कहा यह मेरी व्यक्तिगत क्षति है. मैंने अपना अभिभावक खो दिया है. मैने अपना गुरु खो दिया है, लेकिन गुरू का ज्ञान मेरे रग-रग में बसा है. आज समग्र भारतीय संगीत के जितने चाहने वाले हैं. उन्हें लग रहा है कि जैसे अंधेरा छा गया हो. बड़े कलाकार होना ही मुश्किल काम है,
लेकिन पिछले पांच-छह दशक तक बने रहना और भी मुश्किल है. उन्होंने दुनिया को संगीत से भर दिया है. यह बड़ी बात है. साथ ही में वह अगणित श्रोता तैयार करके गए हैं. भारतीय शास्त्रीय संगीत की अगली पीढ़ी के लिए तैयार करने का काम शुरू हुआ है. उनके वह जनक रहे हैं. खास कर गायन में वह अद्भुत दिग्गज कलाकार थे. इसमें कोई शक नहीं है.
गायन में ऐसे कलाकार को मैंने नहीं देखा है. जहां तक मेरी अपनी बात है. आज से 20 साल पहले मेरे गुरु संगीत मार्तंड पंडित जसराज ने हाथ पकड़ कर सात समुद्र पार इस देश (अमेरिका) में ले लाए थे. उसके बाद उन्होंने यहां बसा दिया. आज 20 साल के बाद वह शरीर छोड़ कर गये हैं. इसी देश की धरती पर. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि उनके पार्थिव शरीर को लेकर मातृभूमि जा रहा हूं.
posted by : sameer oraon