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चीन के लोग अपनी खाने की प्लेट खुद धोएं, क्या है जिनपिंग का ये नया फॉर्मूला

Xi Jinping, Clean your plate, world's largest population country, struggling, food crisis कोरोना वायरस के संक्रमण और प्राकृतिक आपदों से परेशान दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन ने एक अभियान की शुरुआत की है. जिसे 'क्लीन योर प्लेट' नाम दिया गया है. हालांकि इस अभियान की शुरुआत होने के साथ ही यह आशंका जतायी जा रही है कि क्या चीन खाद्ध संकट का सामना कर रहा है.

बीजिंग : कोरोना वायरस के संक्रमण और प्राकृतिक आपदों से परेशान दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन ने एक अभियान की शुरुआत की है. जिसे ‘क्लीन योर प्लेट’ नाम दिया गया है. हालांकि इस अभियान की शुरुआत होने के साथ ही यह आशंका जतायी जा रही है कि क्या चीन खाद्ध संकट का सामना कर रहा है. मालूम हो इस अभियान की शुरुआत चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कुछ दिनों पहले की है. शी ने अभियान की शुरुआत के समय एक कविता का हवाला देते हुए लोगों से कहा था कि यह जान लें कि आपकी थाली में प्रत्येक अनाज किसानों के श्रम से आता है.

अभियान की शुरुआत करते समय उन्होंने कहा था कि भोजन की बर्बादी परेशान करने वाली बात है और जरूरी है कि इस संबंध में सार्वजनिक जागरूकता को और बढ़ाया जाए. मितव्ययी आदतें अपनायी जाएं और एक सामाजिक वातावरण को बढ़ावा दिया जाए जहां बर्बादी शर्मनाक हो.

सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार अभियान का मकसद अधिकारियों के महंगे भोज पर रोक लगाना था. इस दूसरे चरण में जनता से आह्वान किया गया है कि वे भोजन की बर्बादी नहीं करें. उसने कहा कि शुरू में इस पहल से कुछ मीडिया घरानों द्वारा ऐसी अटकलों को हवा दी गयी थी कि क्या चीन में खाद्य संकट है. विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया वास्तव में भोजन की कमी का सामना करती है, लेकिन चीन के लिए, खाद्ध सुरक्षा को असली खतरा महामारी या बाढ़ से नहीं बल्कि भोजन की बर्बादी से है.

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शी ने 2012 में सत्ता संभालने के बाद अपनी छवि बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत शराब के साथ महंगे भोजों पर, खासकर सेना में, प्रतिबंध लगा दिया था. सरकारी भोजों के दौरान भोजन की बर्बादी से बचने और बचे हुए खाने के उपयोग का निर्देश दिया गया था.

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि समय बीतने के साथ ही पुरानी प्रथाओं में से अधिकतर प्रभावी हो गयीं. चीन के खाद्यान्न संबंधी विभाग के उप निदेशक वू जिदान के अनुसार, देश में 32.6 अरब अमेरिकी डॉलर के भोजन की बर्बादी होती है.

गौरतलब है कि मौजूदा समय में चीन दुनिया भर में अलग-थलग पड़ चुका है. उसने भारत-अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों से पंगा ले रखा है. सीमा विवाद के साथ-साथ चीन इस समय कई देशों से आर्थिक झटका भी लगा है. भारत ने ही लद्दाख संकट के बाद चीन से कई करार तोड़ लिये हैं. भारत में चीन के कई मोबाइल ऐप भी बंद हो गये हैं, वहीं कोरोना वायरस की जानकारी दुनियाभर से छुपाने को लेकर अमेरिका ने अलग से चीन के खिपाफ मोर्चा खोल रखा है.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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