नयी दिल्ली : महेंद्र सिंह धौनी के साथ- साथ भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाजों में गिने जाने वाले सुरेश रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास से लिया. सुरेश रैना ने जुलाई 2020 में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 साल पूरे किये थे. सुरेश रैना को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का पसंदीदा खिलाड़ी माना जाता है. ऐसी चर्चा है कि यही कारण रहा कि दोनों ने एक साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है.
जुलाई-अगस्त 2005 में भारत, वेस्टइंडीज और मेजबान श्रीलंका के बीच त्रिकोणीय सीरीज खेली जा रही थी. 30 जुलाई को सुरेश रैना ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था. रैना जिस टीम के खिलाफ खेल रहे थे वह थी श्रीलंका . उस वक्त राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कप्तान थे.
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सबसे खास बात यह थी की इस टीम का हिस्सा सचिन तेंदुलकर नहीं थे.सचिन तेंडुलकर को चोट और कप्तान सौरव गांगुली को निलंबन के बाद, रैना श्रीलंका में इंडियन ऑयल कप 2005 के लिए चुने गये थे. रैना ने इस सीरीज में तीन मैच खेला था जबकि आखिरी के दो मैचों में वह टीम से बाहर रखे गये थे.
अपने पहले ही मैच में सुरेश रैना गोल्डन डक का शिकार हो गये थे. दूसरे मैच में उन्हें फिर मौका मिला . रैना को तीसरे नंबर पर उतारा गया . इस मौच में मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर 65 रन की साझेदारी थी. रैना ने इस मैच में 42 गेंदों में 35 रन बनाए थे.
मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने वाले सुरेश रैना ने 226 वनडे मैचों की 194 पारियों में 35 बार नाबाद रहते हुए 35 से ज्यादा के औसत से 5 शतक और 36 अर्धशतकों के साथ 5615 रन बनाये हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले रैना ने आखिरी वनडे साल 2018 में खेला था.
अगर टी 20 फॉर्मेट के स्कोर की बात करें तो यहां भी रैना ने शानदार बल्लेबाजी की है. रैना ने 78 मैचों में 1604 रन बनाये हैं जिसमें से 1 शतक और 5 अर्धशतक भी शामिल हैं. सुरेश रैना ने साल 2000 में क्रिकेट खेलने का फैसला लिया था. रैना अंडर 14 के कप्तान बने थे लेकिन भारतीय टीम का कप्तान बनने का मौका उन्हें साल 2010 में मिला . अपनी कप्तानी में पहला मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ छह विकेट से हार गये , लेकिन श्रीलंका के खिलाफ अगला मैच जीत लिया था.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak