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बीमार होने से पहले प्रणब मुखर्जी ने अपने बेटे से मंगवाया था यह फल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबियत अभी भी गंभीर बनी हुई है. वो जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं. पर तबियत खराब होने से पहले उन्होंने अपने बेटे अभिजीत से कटहल लाने के लिए कहा था. अभीजीत ने यह कहा था जब उनके पिता बीमार नहीं थे तब उन्होंने कटहल लाने की मांग की थी. इसके बाद अभीजीत कोलकाता से बीरभूम जिला स्थित अपने गांव मीराती गये. वहां से उन्होंने कटहल लिया.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबियत अभी भी गंभीर बनी हुई है. वो जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं. पर तबियत खराब होने से पहले उन्होंने अपने बेटे अभिजीत से कटहल लाने के लिए कहा था. अभीजीत ने यह कहा था जब उनके पिता बीमार नहीं थे तब उन्होंने कटहल लाने की मांग की थी. इसके बाद अभीजीत कोलकाता से बीरभूम जिला स्थित अपने गांव मीराती गये. वहां से उन्होंने कटहल लिया.

अभिजीत से बताया कि वो पका हुआ कटहल था 25 किलो का था. फिर तीन अगस्त को अभीजीत ट्रेन से दिल्ली चले गये. जहां उन्होंने अपने पिताजी से मुलाकात की. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अभिजीत ने बताया कि उन्हें और उनके पिताजी को रेल की यात्रा बहुत पसंद है. इसके बाद अभिजीत ने बताया कि उनके पिता ने जी उस दिन थोड़ा कटहल खाया, पर उनका शुगर सामान्य था. वो बहुत खुश थे और बिल्कुल स्वस्थ थे. इसके बाद अचानक वो बीमार पड़ गये.

Also Read: Pranab Mukherjee Health Updates : प्रणब मुखर्जी की हालत में कोई सुधार नहीं, गहरी बेहोशी में, निधन की अफवाह से बेटा-बेटी नाराज

पूर्व राष्ट्रपति के दिमाग में खून के थक्के जम गये थे जिसके कारण उनके ब्रेन का ऑपरेशन करना पड़ा. इसके पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी. बता दे कि प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री भी बने थे, इसलिए उनका पूरा हेल्थ रिकॉर्ड आर्मी डॉक्टर्स द्वारा रखा जाता है. पिता की गंभीर स्थिति को देखकर भावुक होते हुए अभिजीत ने कहा कि पिताजी कब उनसे डीनो, टायसन और जैकी के बारे में पूछेंगे. यह तीनों उनके कुत्ते का नाम है.

मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है और वह अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं. मुखर्जी (84) को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी. इससे पहले कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. अस्पताल ने एक बयान में कहा, प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह भी कोई सुधार नहीं आया. वह गहरी बेहोशी में है और अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं.

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के किरनाहार में उनके जल्दी ठीक होने की कामना को लेकर मंगलवार से एक यज्ञ जारी है. मुखर्जी के पैतृक गांव में शुरू हुआ यह यज्ञ 72 घंटे तक चलेगा. यह यज्ञ जपेश्वर शिव मंदिर में जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर शुरू हुआ और बिना किसी रूकावट के यह तीन दिन तक जारी रहेगा.

Posted By: Pawan Singh

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