रांची : झारखंड में कोरोना की रफ्तार को देखते हुए सरकार फिलहाल मॉनसून सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं दिख रही. झारखंड में छह माह के अंतराल पर सत्र बुलाने की परंपरा रही है. 28 फरवरी को बजट सत्र बुलाया गया था. इसके बाद से कोरोना संक्रमण फैल गया. इसलिए सत्र को तय समय से पहले ही खत्म करना पड़ा. 28 अगस्त को छह माह की अवधि पूरी हो रही है.
इस संबंध में पूछने पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए फिलहाल मॉनसून सत्र बुलाने का कोई विचार नहीं है. झारखंड में छह माह के अंतराल में विधानसभा का सत्र बुलाया जाता रहा है. हालांकि, छह माह के अंदर ही सत्र बुलाने की कोई बाध्यता नहीं है. परिस्थिति के अनुसार, इस पर निर्णय लिये जाते हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में झारखंड विधानसभा का पांच दिनों का मॉनसून सत्र जुलाई में बुलाया गया था. यह सत्र 22 जुलाई से 26 जुलाई तक चला था.
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संसदीय कार्य मंत्री ने कहा : विशेष परिस्थिति में सत्र बुलाने के लिए नवंबर तक का समय
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साल 2019 में जुलाई में बुलाया गया था झारखंड विधानसभा का पांच दिनों का मॉनसून सत्र
फिलहाल राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में सदन चलने पर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना मुश्किल हो सकता है. इसलिए अब तक मॉनसून सत्र पर विचार नहीं किया गया है. आगे सोच-विचार कर इस पर निर्णय लिया जायेगा. सरकार के पास सत्र बुलाने को लेकर पर्याप्त समय है. नवंबर तक सत्र बुलाया जा सकता है.
– आलमगीर आलम, मंत्री, संसदीय कार्य
Post by : Pritish Sahay