7th pay commission/7th cpc news : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के अनुसार, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आलोक में केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है. यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन की सुरक्षा को लेकर है.
इसके तहत सातवें वेतन आयोग के परिदृश्य में केंद्र सरकार में सीधी भर्ती के जरिए अलग सेवा या कैडर में नये पद पर नियुक्ति होने के बाद सरकार के कर्मचारी को वेतन की सुरक्षा रहेगी. यह सातवें वेतन आयोग के एफआर 22-बी(1) के तहत मिलेगा.
मंत्रालय की ओर से जारी ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सातवें सीपीसी की रिपोर्ट और सीसीएस (आरपी) नियम 2016 के लागू होने पर राष्ट्रपति को एफआर 22-बी (1) के अंदर किए गए प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन की सुरक्षा की इजाजत दी है, जिनकी दूसरी सेवा या कैडर में प्रोबेशनर के तौर पर नियुक्ति हुई है, चाहे उनके पास ज्यादा जिम्मेदारी होती हो या नहीं. यह आदेश 1 जनवरी 2016 से प्रभावी है.
ज्ञापन में कहा गया है कि एफआर 22-बी (1) के तहत वेतन सुरक्षा को लेकर मंत्रालयों या विभागों से मिले कई संदर्भ के बाद इसकी जरूरत महसूस हुई कि केंद्र सरकार के कर्मचारी जो तकनीकी तौर पर इतीफा देने के बाद केंद्र सरकार की अलग सेवा या कैडर में नए पद पर सीधी भर्ती से नियुक्त होते हैं, उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं.
एफआर 22-बी (1) के प्रावधानों में दिया गया है कि ये नियम उस सरकारी कर्मचारी के वेतन को लेकर हैं, जो दूसरी सेवा या कैडर में प्रोबेशनर नियुक्त हुआ है और उसके बाद उस सेवा में कन्फर्म किया गया है कि प्रोबेशन की अवधि के दौरान वह न्यूनतम टाइम स्केल पर वेतन निकालेगा या सेवा या पद की प्रोबेशनरी स्टेज पर निकासी करेगा. इसके साथ ही, प्रोबेशन की अवधि के खत्म होने के बाद सरकारी कर्मचारी का वेतन सेवा के टाइम स्केल में या पद में तय किया जाएगा. इसे नियम 22 या नियम 22-सी को देखते हुए किया जाएगा.
Posted By : Vishwat Sen
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