India China News :चीन से सीमा पर तनाव कम करने को लेकर जारी वार्ता के बीच नया खुलासा हुआ है. खुलासे के मुताबिक चीन ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प बताया पहले ही T-15 टैंक तिब्बत बॉर्डर पर तैनात कर दिया था. माना जा रहा है कि यह फैसला चीन ने लंबी रणनीति बनाकर किया था. हालांकि गलवान में चीन पहले भी काफी पीछे हट चुका है.
जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार चीन गलवान घाटी हिंसा से पहले ही पूरी तैयारी के साथ आया था. चीन ने इसी कारण अपने सबसे मजबूत हथियार टी-15 टैंक को तिब्बत सीमा पर तैनात कर दिया था. बताया जा रहा है कि चीन ने टैंक की तैनाती के बाद ही घुसपैठ शुरू किया था.
अमेरिका और भारतीय खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो चीन ने 30 टन वाला टी-15 टैंक सीमा पर तैनात कर दिया. चीन के इस फैसले के बाद भारत ने भी टी-90 टैंक तैनात कर दिया है. हालांकि टी-90 टैंक भारी होता है. वहीं भारत सरकार ने टी-15 टैंक खरीदने की मंजूरी दे दी है.
पैंगोंग के पास बढ़ाई सैनिकों की संख्या– डेक्केन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सैनिक पैंगोंग त्से के पास सैनिकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की है. चीन बातचीत के बाद भी अपने नापाक हरकत लगातार जारी रख रहा है. अखबार को सूत्रों ने बताया कि चीन ने पैंगोंग के पास टेंट बनाकर अपने सैनिकों को रखना शुरू कर दिया है. इससे पहले, चीनी सैनिक गलवान में भी इसी तरह के टेंट लगाकर सैनिकों को इकट्ठा किया था.
गौरतलब है कि 15 जून की रात को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प की घटना हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे. उस घटना में चीन को भी भारी नुकसान हुआ था, लेकिन ड्रैगन ने अपने नुकसान को दुनिया के सामने नहीं लाया. उस घटना के बाद से लद्दाख में दोनों देशों के बीच विवाद और भी गहरा गया था. चीन एक ओर भारत के साथ शांति की बात कर रहा था, तो दूसरी ओर सीमा पर अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाता जा रहा था. लेकिन भारत ने चीन को कड़ा सबक सिखाया और सीमा पर न केवल चीनी सेना को अपन ताकत दिखाया, बल्कि ड्रैगन को आर्थिक रूप से झटका दिया और 59 चाइनिज ऐप को देश में बैन कर दिया.
Posted By : Avinish kumar mishra