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…इसलिए इस बिजनेसमैन ने बनावायी अपनी पत्नी की मूर्ति

कर्नाटक में एक बिजनेस ने अपने पत्नी की मूर्ति बनवा ली, ताकि उसे अपने नये घर में पत्नी की कमी महसूस नहीं हो. क्योंकि उस बिजनेस मैन की पत्नी का देहांत 2017 में हो चुका है. उसने अपने नये घर मे प्रवेश के दिन पत्नी की मूर्ति बनवा ली. उद्योगपति श्रीनिवास मूर्ती ने अपनी पत्नी माधवी की सिलिकॉन वैक्स के स्टैच्यू के साथ कोप्पल में अपने नए घर में प्रवेश किया.

कर्नाटक में एक बिजनेस ने अपने पत्नी की मूर्ति बनवा ली, ताकि उसे अपने नये घर में पत्नी की कमी महसूस नहीं हो. क्योंकि उस बिजनेस मैन की पत्नी का देहांत 2017 में हो चुका है. उसने अपने नये घर मे प्रवेश के दिन पत्नी की मूर्ति बनवा ली. उद्योगपति श्रीनिवास मूर्ती ने अपनी पत्नी माधवी की सिलिकॉन वैक्स के स्टैच्यू के साथ कोप्पल में अपने नए घर में प्रवेश किया.

बता दे कि श्रीनिवास मूर्ति की पत्नी माधवी की जुलाई 2017 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके कारण वो श्रीनिवास और अपने लिए बनाये जा रहे सपनों में घर को नहीं देख पायी. पर दिवंगत पत्नी के सपने को पूरा करते हुए उसकी मूर्ति बनवाने का फैसला किया. आज वो मूर्ति श्रीनिवास के नये सपनों के घर में है.

माधवी की मूर्ति को उनके सपनों के घर के अंदर रखा गया है. एनआई द्वारा ट्वीट किये गये तस्वीरों के मुताबिक गुलाबी साड़ी पहने मध्यम आयुवर्ग की महिला मूर्त रूप को सफेद सोफे पर बैठाया गया है. उनके पति बगल में बैठे हैं और उसके कंधे पर हाथ रखे हुए हैं. करीब से देखने पर पता चलता है कि यह कोई जीवित महिला नहीं बल्कि मूर्ति है. इस मूर्ति को आर्किटेक्ट रंगनान्नवर की मदद से माधवी के सपनों के घर के अंदर रखा गया. यह मूर्ति सिलिकॉन से बनायी गयी है. जिसे कोप्पल निवासी 57 वर्षीय बिजनेसमैन के घर में रखा गया है.

द न्यूज मिनट वेबसाइट के मुताबिक बिजनेस मैन श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि वो अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते थे इसलिए उसके लिए कुछ खास करना चाहते थे. तीन साल पहले एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई. यह तब हुआ था जब तीन साल पहले, एमवीके माधवी अपनी दो बेटियों के साथ तिरुपति की यात्रा कर रही थी. उनके ड्राइवर ने तेज रफ्तार ट्रक से बचने की कोशिश की, पर दुर्घटना हो गयी. ट्रक का पिछला हिस्सा कार में घुसा और मौके पर ही माधवी की मौत हो गयी. अपनी पत्नी के सपने के बारे में बताते हुए श्रीनिवास ने कहा उन्होंने दो साल पहले उनकी याद में एक घर बनाने का फैसला किया. उन्होंने 25 से अधिक आर्किटेक्ट्स से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली.

इसके बाद उन्हें रंगनादावारू सुझाव दिया कि माधवी की आदमकद प्रतिमा नए घर के लिविंग रूम से सटे आगे के कमरे में लगाई जाए. फिर श्रीनिवास ने लगभग एक साल पहले ऑर्डर दिया था. इसके बाद श्रीनिवास के मकान निर्माण का कार्य आठ अगस्त को पूरा हुआ. रिश्तेदारों को गृह प्रवेश के लिए बुलाया. मूर्ति ने कहा कि ‘हर कोई बहुत आश्चर्यचकित था. कुछ सेकेंड्स के लिए उन्हें लगा यह मेरी पत्नी हैं. मेरी पत्नी का सपना था कि एक बंगला बनाया जाए. अब वह इसे देखने के लिए जिन्दा नहीं है लेकिन अब वो इस मूर्ति के रूप में इस घर में रहेगी.

Posted By: Pawan Singh

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