चाईबासा (सुनील कुमार सिन्हा) : पश्चिमी सिंहभूम जिला में कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ के बीच अब जांच को भेजे जा रहे सैंपल के बैकलॉग भी बढ़ते जा रहे हैं. जिले से कोविड-19 के आरटीपीसीआर जांच को एमजीएम भेजे गये अब तक कुल 3 हजार सैंपल की जांच होनी बाकी है.
दरअसल, जिले से आरटीपीसीआर जांच के लिए एमजीएम भेजे जा रहे कोरोना संदिग्धों के सैंपल अब बैकलॉग में चले जा रहे हैं. सैंपल भेजने के 12-15 दिन बाद भी एमजीएम से जिले को रिपोर्ट नहीं मिल रही है. दूसरी ओर, एमजीएम में पूर्वी सिंहभूम समेत सरायकेला-खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम तीनों जिले का सैंपल भेजे जाने से बैकलॉग लगातार बढ़ रहा है.
ऐसे में सैंपल बिना जांच के पड़े रह जाते हैं. पश्चिमी सिंहभूम जिले से भेजे गये सैंपल की रिपोर्ट लेट से प्राप्त होने से पॉजिटिव के रूप में पुष्टि होने तक संदिग्ध व्यक्ति कई लोगों से मिल-जुल चुका होता है और इस दौरान कई अन्य लोग उससे संक्रमित हो चुके होते हैं.
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आरटीपीसीआर जांच को सैंपल देने के बाद जिले के ज्यादातर संदिग्धों द्वारा होम आइसोलेशन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने तक भी कई संक्रमित अपने घर के बाहर इधर-उधर आते-जाते हैं. इतना ही नहीं, सैंपल की रिपोर्ट में पॉजिटिव की पुष्टि पर जब स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीज से संपर्क किया जा रहा है, तब पता चलता है कि मरीज घर से बाहर कहीं बाजार कर रहा है.
कोरोना संदिग्ध का सैंपल जिस दिन जांच के लिए स्वास्थ्यकर्मी द्वारा कलेक्ट किया जाता है. सर्विलांस विभाग उसी दिन से मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने तक की गिनती करता है. ऐसे में किसी मरीज के सैंपल देने के 10 दिन बाद एमजीएम से रिपोर्ट पॉजिटिव मिलती है, तो उक्त व्यक्ति को आइसोलेट करते हुए उसकी ट्रूनेट से जांच की जाती है. इसमें रिपोर्ट निगेटिव या पॉजिटिव आने पर आगे प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है.
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Posted By : Mithilesh Jha